संघ संस्मरण
आपातकाल से सम्बंधित भारतीय इतिहास के उस काले अध्याय में हुए अपने निजी अनुभवों के आधार पर रज्जू भैया ने बाद में बताया कि "मैं समझता हूँ कि इस देश को आधिकारिक बल प्रयोग और तानाशाही से नहीं चलाया जा सकता, क्योंकि उसकी आत्मा स्वस्थ है, यह राष्ट्र स्वतंत्रता की हत्या सहन नहीं कर सकता। हमारे राष्ट्र का हृदय और आत्मा किसी भी प्रकार के अन्याय के विरुद्ध उठ खड़ी होती है। यह आपातकाल उन शासकों को एक चेतावनी है, जो अपनी सनक और पसंद के अनुसार शासन चलाना चाहते हैं। लोगों से नियमित रूप से मिलकर, उनसे बातचीत करके और छोटे-छोटे मुद्दों पर उन्हें मनाकर, एक आम आदमी निश्चित तौर-तरीके पर काम करता है। इसके लिए चाहे टेलीविजन से सैकड़ों बार भाषण दिया जाए, तभी लोग सही मार्ग पर चलने के लिए तैयार होंगे।"
।। 5 सरसंघचालक, अरुण आनंद, प्रभात प्रकाशन, प्रथम संस्करण-2020, पृष्ठ-170 ।।