भारत माता के
पुत्र सभी भाई-भाई - डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार
"अस्पृश्यता बुरी
है, उसे समाप्त करना चाहिये।'
केवल इतना ही बताकर डॉ. साहब रूके नहीं।
उन्होंने व्यक्ति के आचरण को सर्वाधिक महत्व दिया है। हम सब हिंदू एक हैं, इस कारण उसी प्रकार का सामाजिक व्यवहार सबको
करना चाहिये। ऐसे व्यवहार की एक तात्त्विक भूमिका है, 'संपूर्ण हिंदू समाज के विषय में एकात्मक विचार । यह अपनी
भारत माता है, हम सब इसके पुत्र
हैं, इस कारण स्वाभाविक रूप से
हम परस्पर भाई-भाई हैं।' इसी बंधुत्व की
भावना को डॉ. साहब ने हिंदू संगठन की नींव बनाया।
|| डॉ. हेडगेवार -
एक अनोखा नेतृत्व, पृष्ठ 53
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