क्रांतिवीर जगदीश प्रसाद वत्स आजादी के गुमनाम नायक जी की जयन्ती पर कोटि-कोटि नमन
25 जुलाई 1925 -14 अगस्त 1942
हरिद्वार के 17 वर्षीय छात्र जगदीश प्रसाद वत्स ने ऋषिकुल आयुर्वेदिक कॉलेज में पढ़ते हुए स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लिया। 14 अगस्त 1942 को उन्होंने तिरंगा फहराने की योजना बनाई और अपने साथियों के साथ "भारत माता की जय" के नारे लगाते हुए सड़कों पर निकले। सुभाष घाट, डाकघर और रेलवे स्टेशन पर तिरंगा फहराते समय अंग्रेज पुलिस ने उन पर गोलियां चलाईं, जिससे वे घायल हुए। तीसरी गोली लगने के बाद वे बेहोश हो गए और देहरादून अस्पताल ले जाए गए। वहां माफी न मांगने पर उन्हें कथित रूप से ज़हर का इंजेक्शन देकर मार दिया गया। उन्होंने अपने जीवन को देश की स्वतंत्रता के लिए समर्पित किया आपका बलिदान सदैव स्मरणीय रहेगा।