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इतिहास

तीलू रौतेली देवी जी की जयन्ती पर कोटि-कोटि नमन

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तीलू रौतेली देवी अदम्य शौर्य और साहस की प्रतीक वीरांगना जी की जयन्ती पर कोटि-कोटि नमन

08 अगस्त 1661 - 15 मई 1683

उत्तराखंड वीरों की ही नहीं बल्कि वीरांगनाओं की भी भूमि रही है, ऐसी ही वीरता व अदम्य साहस की प्रतीक, उत्तराखण्ड की वीरांगना, वीर बाला तीलू रौतेली देवी जिन्हें तिलोत्मा देवी के नाम भी जाना जाता है। तीलू रौतेली की वीरता और साहस के कारण उन्हें गढ़वाल की शेरनी कहा जाता है। उत्तराखंड सरकार ने तीलू रौतेली के नाम पर एक पुरस्कार शुरू किया है, जो महिलाओं को उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए दिया जाता है।