शामली, उत्तरप्रदेश
कैराना की अलका तिवारी की प्रेरणादायक कहानी
महिला सशक्तिकरण का सबसे मजबूत आधार शिक्षा है। जब एक महिला स्वयं शिक्षित होती है और दूसरों को भी शिक्षित करने का कार्य करती है, देश में कई महिलाएं अपनी मेहनत स्वयं आगे बढ़ी हैं, साथ ही तमाम जिंदगियों में उजाला फैलाया है। इसी कड़ी में एक नाम जुड़ा हैं उत्तर प्रदेश के शामली जिले के कैराना निवासी अलका तिवारी का.. जी हां कैराना में 31 वर्षों से शिक्षिका के रूप में कार्यरत अलका तिवारी ने दबे-कुचले वर्ग के बेटे-बेटियों को शिक्षित कर उन्हें काबिल बनाने का संकल्प निभाया है। शिक्षा के प्रति उनका समर्पण और बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए उनका प्रयास उन्हें नगर और क्षेत्र में विशेष पहचान दिलाता है। बताते चलें की उन्होंने वर्ष 1990 में प्राइवेट स्कूल से शिक्षण कार्य की शुरुआत की और कई बेटियों को निश्शुल्क शिक्षा देकर उनके जीवन से अंधकार दूर किया। वही वर्ष 1977 में उन्होंने अपना स्वयं का स्कूल शुरु किया। अलका तिवारी का मानना है कि अगर किसी के प्रयास से शिक्षा मिलती है, तो यह सबसे बड़ा पुण्य है। वह घर-घर जाकर लोगों को शिक्षा के महत्व के प्रति जागरूक करती हैं और खासकर बेटियों को पढ़ाने पर जोर देती हैं, जिससे महिला सशक्तिकरण को नई राह मिल रही है।