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इतिहास

राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त जी की जयन्ती पर कोटि-कोटि नमन

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राष्ट्रीय भाव का जागरण करने वाले राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त जी की जयन्ती पर कोटि-कोटि नमन

3 अगस्त 1886 - 12 दिसंबर 1964

मैथिलीशरण गुप्त को काव्य क्षेत्र का शिरोमणि कहा जाता है। मैथिलीशरण जी की प्रसिद्धि का मूलाधार भारत–भारती है। भारत–भारती उन दिनों राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम का घोषणापत्र बन गई थी। साकेत और जयभारत, दोनों महाकाव्य हैं। साकेत रामकथा पर आधारित है, किन्तु इसके केन्द्र में लक्ष्मण की पत्नी उर्मिला है। उनके काव्य ग्रन्थ यशोधरा में गौतम बुद्ध की मानिनी पत्नी यशोधरा केन्द्र में है। विष्णुप्रिया में चैतन्य महाप्रभु की पत्नी केन्द्र में है। उन्होंने भारत की महान नारियों को अपने काव्य का केंद्र बनाया। राष्ट्रीय संस्कृति में योगदान देने वाले साहित्यकारों में उनका नाम गर्व से लिया जाता है।