शाहजहांपुर, उत्तर प्रदेश
शाहजहांपुर के थाना आरसी मिशन क्षेत्र में उस समय हड़कंप मच गया जब एक मकान में चल रही 'प्रार्थना सभा' की असलियत सामने आई। मकान के भीतर करीब 60-65 लोगों की भीड़ जुटी थी, दीवारों पर ईसा मसीह की तस्वीरें टंगी थीं, और एक व्यक्ति बाइबिल हाथ में लेकर खुद को 'फादर' कहलवा रहा था। स्थानीय युवक लखन और शिवम को इसकी जानकारी मिली तो वे मौके पर पहुँचे, तो देखा कि वहां मौजूद फादर हिंदू देवी-देवताओं को खुलेआम गालियाँ दे रहा था और लोगों को ईसाई धर्म अपनाने के लिए लालच दे रहा था - तीन लाख रुपये की आर्थिक मदद, बीमारियाँ दूर होने का झांसा और जीवन में झूठे चमत्कार के वादे। जब लखन और शिवम ने इसका विरोध किया तो पास-पड़ोस के लोग भी जमा हो गए। वे शांतिपूर्वक इस मतांतरण सभा को बंद करने की मांग करने लगे, लेकिन सभा में मौजूद बौखलाए कट्टरपंथियों ने उल्टा इन पर ही पत्थरबाजी शुरू कर दी, जिसमें कई लोग घायल हो गए। पुलिस ने दो अज्ञात आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है और जांच जारी है। यह घटना सिर्फ शाहजहांपुर की नहीं है - ये उस बड़े नेटवर्क की एक झलक है जो ईसाई मिशनरियों द्वारा गरीब, असहाय और भोले हिंदुओं को निशाना बनाकर मतांतरण कराने में लगा है। झूठे वादे, पैसों का प्रलोभन और सनातन के प्रति घृणा फैलाना - यही इनकी रणनीति है।