पीलीभीत, उत्तर प्रदेश
पिछले कई वर्षों से आर्थिक रूप से कमजोर सिख परिवारों को प्रलोभन देकर ईसाई धर्म अपनाने के मामले सामने आ रहे थे। इस पर सिख संगठनों ने आपत्ति जताई और लगातार लोगों को जागरूक करने का अभियान चलाया। इसी कड़ी में अब कई परिवार फिर से अपने मूल धर्म में लौट रहे हैं। जी हां ईसाई मिशनरीज के बहकावे में आकर मतांतरण कर चुके 25 सिख परिवारों ने फिर से घरवापसी कर ली। सभी परिवार नेपाल की सीमा के पास स्थित गुरुद्वारा सिंह सभा, टाटरगंज पहुंचे, जहाँ ऑल इंडिया सिख पंजाबी वेलफेयर काउंसिल ने उनका स्वागत किया। परिवारों ने घर वापसी के शपथपत्र भी दिए, जिन्हें जिला प्रशासन को भेज दिया गया है। साथ ही यह भी बताया गया है कि पिछले 10 वर्षों से मिशनरीज गरीब सिख परिवारों को लालच देकर मतांतरण करवा रहे थे। पिछले साल एक महिला ने इसका विरोध किया, जिसके बाद मामला सामने आया। उस समय अलग-अलग स्थानों पर कई आरोपियों के खिलाफ चार मामले दर्ज हुए थे। शिकायत करने वालों का कहना था कि मिशनरीज ने पैसे और खेती की जमीन देने का लालच देकर लोगों का मतांतरण कराया। इसके बाद सिख संगठन सक्रिय हुए ।
7 महीने में 400 लोगों की घर वापसी
इन घटनाओं के बाद घर वापसी का अभियान शुरू किया गया। पिछले सात महीनों में 400 लोग वापस अपने धर्म में लौट चुके हैं। ऑल इंडिया सिख पंजाबी वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष हरपाल सिंह जग्गी ने कहा कि प्रदेश में योगी सरकार सख्त है और अवैध मतांतरण कराने वालों पर कार्रवाई चल रही है।



