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काशी में उमड़ा आस्था का समंदर: गंगा आरती में तीन लाख से अधिक भक्तों की भागीदारी

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 - दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती का दृश्य न केवल भारत बल्कि पूरे विश्व में विख्यात

वाराणसी। अंग्रेजी साल 2024 के अंतिम रविवार को काशी में भक्ति और आस्था का ऐसा अद्भुत नजारा देखने को मिला, जिसने सभी को चौंका दिया। बाबा विश्वनाथ के दर्शन और गंगा आरती के लिए वाराणसी के घाटों और सड़कों पर लाखों श्रद्धालु उमड़ पड़े। दशाश्वमेध घाट पर आयोजित विश्वप्रसिद्ध गंगा आरती में करीब तीन लाख से अधिक भक्तों ने भाग लिया।  

घाटों पर उमड़ा भक्तों का सैलाब -

दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती के दौरान आस्था का ऐसा अद्भुत दृश्य देखने को मिला, जब पूरा घाट श्रद्धालुओं से भर गया। भक्तों की इतनी अधिक संख्या थी कि घाट पर पैर रखने तक की जगह नहीं बची। साल का आखिरी रविवार होने के कारण आस्था का यह उत्साह और भी अधिक देखने को मिला।  

भक्ति के साथ नए साल की शुरुआत की योजना -

काशी के बाबा विश्वनाथ मंदिर में दर्शन के लिए भक्त बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं। नए साल की शुरुआत बाबा की भक्ति और आशीर्वाद के साथ करने की भावना से लोगों का रुख वाराणसी की ओर बढ़ा है।  

यातायात व्यवस्था चरमराई -

भारी भीड़ के चलते वाराणसी के मुख्य क्षेत्रों, विशेषकर गोदौलिया और गिरजाघर मार्ग पर यातायात व्यवस्था चरमरा गई। सड़कों पर लंबा जाम लग गया, जिसे सुचारू करने के लिए पुलिस और प्रशासन लगातार प्रयासरत रहे। गंगा आरती और बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए प्रशासन ने विशेष तैयारियां की हैं। अनुमान है कि नए साल के पहले दिन और भी अधिक भीड़ उमड़ेगी।  

गंगा आरती का महत्व -

दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती का दृश्य न केवल भारत बल्कि पूरे विश्व में विख्यात है। यह आरती केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति और परंपरा की एक अद्भुत झलक है। रविवार को इस आरती में तीन लाख से अधिक श्रद्धालुओं की उपस्थिति ने इसे और भी भव्य बना दिया। काशी में उमड़े इस भक्ति के सागर ने एक बार फिर साबित कर दिया कि वाराणसी आस्था और आध्यात्म का केंद्र है, जहां भक्त पूरे दिल से अपनी श्रद्धा प्रकट करने आते हैं।