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राहुल बनकर वसीम ने हिन्दू महिला को फंसाया

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रामपुर, उत्तर प्रदेश

रामपुर के केमरी में जो हुआ, वह किसी फिल्मी खलनायक की कहानी नहीं अपितु इस्लामी दरिंदे की असली करतूत है। वसीम ने खुद को राहुल बताकर एक हिंदू विवाहिता के जीवन में घुसपैठ की, पहले मीठी बातों से भरोसा जीता और फिर उसे नशे, अश्लील वीडियो और ब्लैकमेल के दलदल में धकेल दिया। यह खेल इतना भयानक था कि एक जिन्दा, हँसते-खेलते परिवार की नींव चकनाचूर हो गई। सोचिए, वह महिला जिस पर एक मासूम छह साल का बच्चा अपनी परवरिश के लिए निर्भर था, उसे वसीम ने इस कदर नशीली दवाओं का आदी बना दिया कि वह अपने ही बच्चे को पहचानने की हालत में नहीं रही। दरिंदगी यहीं नहीं रुकी महिला को मजबूर किया गया कि वह अपने ही पति और परिवार के खाने में नींद की गोलियां मिला दे, ताकि आधी रात को वह दरिंदा घर में घुस सके और बार-बार उसकी इज्जत लूट सके। क्या यह सामान्य अपराध है? नहीं, यह सुनियोजित मजहबी जिहाद की पराकाष्ठा है। नकली नाम का चोला पहनकर, छलावे से रिश्तों में घुसकर और फिर अश्लील वीडियो व नशे के माध्यम से हिंदू समाज की बेटियों को बर्बाद करना यह कट्टरपंथी सोच का भयानक षड्यंत्र है। वसीम जैसे भेड़िये ने उस हिन्दू बेटी की अस्मिता तो रौंदी ही साथ ही उसने उस परिवार की आत्मा को भी कुचल डाला। अब पुलिस ने वसीम को सलाखों के पीछे भेज तो दिया है लेकिन अब भी यही सवाल है कि आखिर हर गली, हर मोहल्ले में पनप रही ऐसी जिहादी मानसिकता का इलाज क्या है।