• अनुवाद करें: |
मुख्य समाचार

आगरा के पेठे को मिलेगी अंतरराष्ट्रीय पहचान

  • Share:

  • facebook
  • twitter
  • whatsapp

लखनऊ

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्‍यनाथ सरकार आगरा के पेठे को जीआई टैग की श्रेणी में शामिल करने जा रही है. यही नहीं, आगरा के पेठे के अलावा फतेहपुर सीकरी की नानखटाई, मथुरा के पेड़े और कानपुर के सत्तू को भी इस लिस्‍ट में शामिल किया गया है. इसके लिए आवेदन मांगे गए हैं।

आगरा का प्रसिद्ध पेठा अब विश्वभर में अपनी मिठास भरने के लिए तैयार है। जी हां, आगरा के पेठे को दुनिया में आधुनिक पहचान देने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार जीआई टैग यानि की ज्योग्राफिकल इंडिकेटर टैग की श्रेणी में शामिल करने जा रही है। इसलिए सरकार ने ओडीओसी (एक जिला एक कुजीन) योजना तैयार की है। जिसमें विभिन्न जिलों के प्रसिद्ध खाने-पीने के उत्पादों की जीआई टैगिंग की जाएगी, और अभी तक प्रदेश के 109 उत्पादों को जीआइ टैगिंग मिल चुकी है, बता दे आगरा के पेठे के अलावा फतेहपुर सीकरी की नानखटाई, मथुरा के पेड़े और कानपुर के सत्तू , गोरखपुर की परवल की मिठाई भी इस सूची में सम्मिलित हैं। जानकारी के अनुसार हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने काशी 21 उत्पादों को जीआइ टैगिंग प्रदान की थी।

History Of Petha In Agra - Amar Ujala Hindi News Live - दवाई से मिठाई तक ये  है आगरा के पेठा का पूरा सफर, इस काल में हुई खोज

जिससे इस क्षेत्र का सालाना कारोबार करीब 25,500 करोड़ रुपये तक बढ़ गया, बता दे जीआई टैग मिलने से कई सारे लाभ होते हैं। एक तो उत्पाद के लिए कानूनी सुरक्षा मिल जाती है। इसके साथ ही उस उत्पाद की विश्वसनीयता बढ़ जाती है। आगरा के पेठे और अन्य घरेलू खाद्य पदार्थों का दुनिया के कोने में जाने से हमारी संस्कृती, हमारी परंपरा और हमारे स्वाद की जीत है।