बरेली, उत्तर प्रदेश
ढाई दशक बाद, एक बेटा लौटा अपने घर! 25 साल पहले घर छोड़कर गए ओम प्रकाश अब नई पहचान के साथ गाँव लौट आए हैं। दिल्ली में ‘सलीम’ बनकर बिताए पूरे 25 साल. यानी ढाई दशक तक दिल्ली में ‘सलीम’ नाम से जिंदगी बिताते रहे। निकाह किया, पाँच बच्चों के पिता बने और अब SIR अभियान में दस्तावेज की गड़बड़ी ने उनकी पूरी कहानी फिर सामने ला दी। गांव काशीपुर पहुंचे तो लोगों ने बैंड-बाजे और फूलमालाओं से स्वागत किया। परिजन जिन्हें मृत मान चुके थे। उन्हें सामने देखकर भावुक हो उठे। ओम प्रकाश 15 की उम्र में घर से नाराज़ होकर निकल गए थे। दिल्ली में कमरा लेने के लिए आईडी चाहिए थी। स्थानीय लोगों की सलाह पर बन गए ‘सलीम पुत्र ताहिर हुसैन’। वहीं मोहल्ले के मंगल की बेटी से निकाह हुआ। चार बेटियाँ रुखसाना, रुखसार, रूपा, कुप्पा और 15 साल का बेटा जुम्मन तीन बेटियों की शादी भी हो चुकी है। SIR अभियान में जब दस्तावेजों की जांच हुई तो ‘ताहिर हुसैन’ के नाम से कोई रिकॉर्ड नहीं मिला और ओम प्रकाश को अपने गांव लौटना पड़ा। जहां गांव के लोगों ने उनका बैंड–बाजे के साथ स्वागत किया। फूल माला पहनाईं। इस अपनत्व ने उन्हें भावविभोर कर दिया। अब उनकी इच्छा है। गांव में ही परिवार के साथ नई शुरुआत करने की और अपने असली नाम से नई पहचान बनाने की। कहानी फिल्मी जरूर है। पर सच है! ओम प्रकाश अब फिर से अपनी मिट्टी में अपने लोगों के बीच।



