- डॉ. इंद्रेश कुमार ने कहा कि मुसलमान काशी, मथुरा और संभल जैसे विवादित स्थल हिंदुओं को सौंप दें। कुरान और हदीस की रोशनी में बड़े फैसले करें
- लेकिन विवादित धर्मस्थलों का हल संवाद के माध्यम से निकाला जाना चाहिए। इससे देश की एकता, अखंडता, सौहार्द, भाईचारा और मेलमिलाप बना रहता है
लखनऊ। काशी, मथुरा और संभल जैसे विवादित धार्मिक स्थलों को हिंदुओं को सौंपने देना चाहिए। मुस्लिम समाज को पहल दिखाकर कुरान और हदीस की रोशनी में बड़े फैसले करने होंगे। मुस्लिम लोगों को विवादित स्थलों का बातचीत के जरिए हल निकालना चाहिए। यह कहना है राजधानी लखनऊ में मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के मार्गदर्शक एवं राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के केंद्रीय पदाधिकारी डॉ. इंद्रेश कुमार का।
इंद्रेश कुमार शनिवार को मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के कार्यकर्ता सम्मेलन के बाद पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे।
कैसरबाग स्थित गांधी भवन प्रेक्षागृह में आयोजित कार्यक्रम में डॉ. इंद्रेश कुमार ने कहा कि अदालतें सर्वोपरि हैं, लेकिन विवादित धर्मस्थलों का हल संवाद के माध्यम से निकाला जाना चाहिए। इससे देश की एकता, अखंडता, सौहार्द, भाईचारा और मेलमिलाप बना रहता है।
हिंसा इस्लामिक उसूलों के खिलाफ
उन्होंने कहा कि अब वक्त आ गया है कि मुस्लिम समाज अपनी जिम्मेदारी समझे और संवाद से काशी, मथुरा और सम्भल जैसे स्थलों पर विवाद खत्म करे। उन्होंने कहा कि धर्म के नाम पर कब्जा और हिंसा इस्लामिक उसूलों के खिलाफ है।
संवाद और सहमति से निकालना चाहिए हल
उन्होंने मुस्लिम समुदाय से इन स्थलों को हिंदू समाज को सौंपने की अपील की, ताकि भारत सांप्रदायिक सौहार्द्र का वैश्विक उदाहरण बने। इंद्रेश कुमार ने कहा कि इस्लाम अमन और इंसाफ का मजहब है। विवादों का हल संवाद और सहमति से निकाला जाना चाहिए।
वक्फ संशोधन विधेयक 2024 का समर्थन करते हुए इंद्रेश कुमार ने कहा कि यह कानून मुस्लिम समाज की भलाई और पारदर्शिता के लिए है। वक्फ संपत्तियों को समाज सेवा, शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए उपयोग में लाना चाहिए। इससे पहले कार्यक्रम का आगाज मुफ्ती नोमान ने कुरान की तिलावत से की।
मस्जिद में बुत है तो वहां नमाज नहीं होगी
कार्यक्रम का संचालन कर रहे मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के राष्ट्रीय संयोजक रजा हुसैन रिजवी ने कहा कि अगर किसी मस्जिद में बुत है तो वहां नमाज नहीं होगी। हमें आगे आकर विवादित स्थलों को वापस कर उसका हल निकालना चाहिए