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जड़ी-बूटी की खेती से लोग बन रहे मालामाल

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चमोली, उत्तराखण्ड

चमोली के ऊँचाई वाले गांव। जहाँ पहाड़ बदल रहे हैं किस्मत! घेस के बाद अब हिमनी गांव बन गया है जड़ी-बूटी की खेती का नया हॉटस्पॉट। जहाँ परिवार हर साल लाखों रुपये कमा रहे हैं। पारंपरिक खेती छोड़कर ग्रामीण अब उगा रहे हैं - कुटकी, अतीश, सालमपंजा, जटामांसी और कूट जैसे औषधीय पौधे और यही उन्हें दे रहे हैं आर्थिक मजबूती। वर्ष 2001 में राम सिंह पटाकी ने शुरुआत की थी और पहली ही फसल—कुटकी—ने गांव को दिलाया 20 लाख रुपये से ज्यादा का मुनाफा!” आज हिमनी में 250 से अधिक परिवार जड़ी-बूटी की खेती कर रहे हैं और हर परिवार की वार्षिक आय लाखों में पहुँच चुकी है। ग्राम प्रधान नीता देवी बताती हैं। इस साल अब तक 38 क्विंटल कुटकी का उत्पादन हो चुका हैऔर हिमनी की कुटकी की डिमांड देश-विदेश में बढ़ रही है। इस समय गांव में कुटकी की खुदाई जारी है। खरीदार सीधे खेतों पर पहुंचकर 1200 रुपए प्रति किलो की दर से खरीद रहे हैं! यही कारण है कि हिमनी को भी ‘आयुष ग्राम’ घोषित करने की माँग उठने लगी है क्योंकि जड़ी-बूटी की खेती ने गांव की आर्थिक तस्वीर बदल दी है। ये है चमोली का नया बदलाव जहाँ पहाड़ सिर्फ खूबसूरत नहीं कमाई का बड़ा जरिया भी बन रहे हैं!