संघ संस्मरण
रज्जू भैया राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के राजनीति के साथ संबंधों के बारे में बिल्कुल स्पष्ट राय रखते थे। उन्होंने एक बार कहा, “यह कहना गलत है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ राजनीति से प्रेरित होता रहा है। सच्चाई यह है कि हमने कभी भी राजनीति को अधिक महत्त्व नहीं दिया। वर्ष 1977 में चंद्रशेखरजी ने बालासाहब देवरस से कहा कि अब आपकी अपनी पार्टी की सरकार है, इसलिए आपकी संस्था (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) को भी अब सरकार में आना चाहिए। उन्होंने बालासाहब को उद्धृत करते हुए कहा कि बालासाहब ने कहा था, "यह आवश्यक नहीं है कि सभी ट्रेनें केवल एक ही प्लेटफार्म से छूटें। जो महत्त्व की बात है, वह यह है कि इन सभी ट्रेनों की दिशा एक ही होनी चाहिए।" रज्जू भैया ने इस बात को और अधिक साफ करते हुए कहा, “हमारी दिलचस्पी मात्र इस बात में है कि राजनीति के क्षेत्र में अच्छे लोगों का निर्वाचन होना चाहिए। हम यह नहीं मानकर चलते कि राजनीतिक संस्थापन समाज को परिवर्तित करेगा। परंतु अगर अच्छे लोगों का चुनाव होगा, तब वे राष्ट्र-निर्माण में बाधाएँ खड़ी न करेंगे, वे प्रतिबंधों और हिंदुत्व के विरोध के लिए न जाएँगे। अगर इतना सब सुनिश्चित हो सके, तो हम बाकी का काम।”
।। 5 सरसंघचालक, अरुण आनंद, प्रभात प्रकाशन, प्रथम संस्करण-2020, पृष्ठ-179 ।।