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सरसंघचालक जी ने जानी शून्य से विश्व बनाने वाली कर्तृत्ववान महिलाओं की कहानी

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सोलापुर, पश्चिम महाराष्ट्र

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने गुरुवार को उद्योगवर्धिनी संस्था का सद्भावना दौरा किया। इस दौरान उन्होंने संस्था के कार्यों की जानकारी ली और महिला सशक्तिकरण के प्रकल्प की सराहना की। उन्होंने उद्योगवर्धिनी की उन कर्मठ महिलाओं की सफलता की कहानी जानी, जिन्होंने शून्य से अपना संसार खड़ा किया है। संस्था की संस्थापक अध्यक्ष चंद्रिका चौहान और संस्था की महिला सेवाव्रतियों ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन जी भागवत का स्वागत किया। चंद्रिका चौहान ने उद्योगवर्धिनी संस्था द्वारा चलाई जा रही सिलाई, सेवा पाथेय, शांतसंध्या, अन्नपूर्णा योजना, महिलाओं की काउंसलिंग और महिला रोजगार संबंधी पहलों के बारे में जानकारी दी। उद्योगवर्धिनी ने पिछले 21 वर्षों में 10,000 से अधिक महिलाओं से संपर्क किया है और उन्हें व्यवसाय, रोजगार और काउंसलिंग के माध्यम से मार्गदर्शन प्रदान किया है। उद्योगवर्धिनी ने अब तक 350 महिला उद्यमी तैयार की हैं। सरसंघचालक डॉ. मोहन जी भागवत ने संस्था के इस प्रयास की सराहना की। इस अवसर पर सरसंघचालक ने कहा कि महिलाओं की आर्थिक नींव मजबूत होना आवश्यक है। आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होते समय आने वाली समस्याओं का समाधान खोजना चाहिए। उन्होंने जोर दिया कि महिला सशक्तिकरण के कार्य में प्रत्येक कार्य और परिश्रम राष्ट्र के लिए होना चाहिए, इसका ध्यान रखना चाहिए। "भले ही मेरा भला न हो, लेकिन राष्ट्र का भला हो" - इस विचार को हर किसी के मन में स्थापित करने की आवश्यकता है। सरसंघचालक जी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक डॉ. केशव हेडगेवार और स्वामी विवेकानंद जैसे जीवन चरित्र हमारे लिए आदर्श हैं। इस अवसर पर उद्योगवर्धिनी की सेवाव्रती कार्यकर्ता उपस्थित रहीं।