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सौरभ पाल निकला फैजान मलिक, आधार कार्ड ने जिहादी मानसिकता की खोली पोल

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बिजनौर, उत्तर प्रदेश

आज की डिजिटल दुनिया में सोशल मीडिया ने जहां लोगों को जोड़ने का जरिया बनाया है, वहीं यह अपराधियों के लिए भी एक नया मंच बन चुका है।  बिजनौर से आई एक ताजा घटना न केवल चौंकाने वाली है, बल्कि यह ऑनलाइन सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े करती है। जानकारी के अनुसार फैजान मलिक नाम के युवक ने इंस्टाग्राम पर सौरभ पाल के नाम से नकली आईडी बनाई थी। इसी नकली प्रोफाइल से उसने हरिद्वार में नौकरी करने वाली हिन्दू युवती से संपर्क किया। कुछ समय के बाद आरोपी फैजान ने हिन्दू युवती को अपने झूठे जाल में फंसा लिया। हिन्दू युवती ने आरोप लगाया कि आरोपी युवक ने शादी का वादा करके उससे संबंध बनाए। लेकिन कहानी में मोड़ तब आया, जब एक दिन युवक का आधार कार्ड नीचे गिर गया और उस पर उसका असली नाम फैजान मलिक लिखा मिला।

जब युवती ने इस बारे में पूछा तो शुरुआत में उसने कहा कि आधार में गलती हो गई है, लेकिन बाद में उसकी बातों में गड़बड़ी दिखने लगी। युवती ने उसके आसपास के लोगों से पूछताछ की, तो असली पहचान का खुलासा हो गया। युवती का आरोप है कि सच सामने आने के बाद जब उसने फैजान से दूरी बनानी चाही, तो आरोपी  ने निजी तस्वीरों का गलत इस्तेमाल करने की धमकी दी और मतांतरण का दवाब बनाया इन सब से परेशान होकर हिन्दू युवती अपने घर लौट गई और परिवार को सब बताया। परिवार उसे लेकर पुलिस स्टेशन पहुंचा। पुलिस ने शिकायत के आधार पर फर्जी पहचान, धमकी, ब्लैकमेल जैसे आरोपों में मामला दर्ज किया और युवक को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने कहा है कि पूरे मामले की गहराई से जांच की जा रही है और जांच पूरी होने के बाद ही आगे की कार्रवाई होगी।

यह घटना एक उदाहरण है कि ऑनलाइन दोस्ती असल जिंदगी में कितना बड़ा धोखा बन सकती है। यह सिर्फ एक लड़की की कहानी नहीं है यह हर उस युवा के लिए चेतावनी है जो सोशल मीडिया पर आंख मूंदकर विश्वास करते हैं। इस घटना से यह सीख मिलती है कि डिजिटल रिश्तों में भी वही सतर्कता जरूरी है जो असल जीवन में बरती जाती है।