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रजाक ने आदि बनकर हिंदू नाबालिग छात्रा को फँसाया

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लखनऊ, उत्तर प्रदेश

हिंदू नाम का लिबास ओढ़ा, सोशल मीडिया का जाल बिछाया और फिर एक भोली-भाली हिन्दू छात्रा को फंसाया...  उत्तर प्रदेश के मुस्लिम युवक ने लव जिहाद की ऐसी खौफनाक पटकथा रची । जिसमें फंसी राजस्थान के कोटा की रहने वाली नाबालिग छात्रा को लगता रहा कि वो आदि नाम के हिन्दू लड़के के सम्पर्क में हैं, लेकिन असलियत कुछ और थी। Instagram पर शुरू हुई दोस्ती धीरे-धीरे उसके लिए एक शिकंजा बनती जा रही थी, 'आदि' नाम से युवक असल में रजाक था। “हैलो! मैं लखनऊ से कोटा आ रहा हूँ तुम्हें मिलने” — चिकनी-चुपड़ी बातों में उलझाकर “रजाक” ने लड़की को बहला लिया, उसका विश्वास जीत लिया। फिर कोटा से लखनऊ तक का सफर तय करने के लिए एक टैक्सी बुक करवाई, रास्ते में लड़की का मोबाइल और सिम कार्ड तोड़ दिया— ताकि न कोई कॉल कर सके, न उसकी लोकेशन ट्रेस हो सके। लेकिन यहीं पर कहानी में आया एक नया मोड़ — लड़की को रजाक पर शक होने लगा। चेहरा कुछ कह रहा था, हरकतें कुछ और... तभी उसने जो कदम उठाया, उसने उसकी जिंदगी बचा ली। उसने टैक्सी ड्राइवर से फुसफुसाकर मदद मांगी — और वो ईमानदार ड्राइवर बन गया उसकी ढाल। उसने झांसी थाने में गाड़ी रोकी। पुलिस ने जब उस “आदि” की असलियत खोली, तो सामने आया 25 साल का मुस्लिम युवक रजाक — जिसने खुद को इंस्टा पर 18 साल का बताया था। उसका प्लान पूरा था,  उसने नाम बदला, उम्र घटाई, हिन्दू युवती को अपने झूठे प्रेम जाल में फँसाया, उसके फोन की सिम तोड़ी, टैक्सी मंगाई और रास्ते भर लड़की को बहलाता-फुसलाता रहा। ये कोई सामान्य लव स्टोरी नहीं थी — ये लव जिहाद का एक सटीक ब्लूप्रिंट था। वो युवक ‘आदि’ नहीं था उसका नाम ‘रजाक’ था, जो लड़की को अपने साथ ले जाकर न जाने कौन सी अंधेरी जिंदगी में धकेलने वाला था। शुक्र है उस एक शक का और उस टैक्सी ड्राइवर के साहस का जिसने एक लड़की का जीवन, उसका भविष्य और सनातन की आस्था को जिहादी सोच वालों से बचाया। आरोपी गिरफ्तार हो गया है और अब सलाखों के पीछे है। लेकिन अब सवाल ये है , कितनी मासूम हिन्दू बेटियाँ ऐसी साजिशों में फँस चुकी हैं? और कितनी "आदि" नाम की प्रोफाइलें असल में "रजाक" जैसी सोच की नकाब हैं?