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'ऑपरेशन कालनेमि' के तहत फर्जी साधुओं पर शिकंजा

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उत्तराखण्ड  

धामी सरकार ने हाल के वर्षों में लगातार बढ़ रहे ढोंगी के गिरोहों और उनके अपराधों पर लगाम लगाने के लिए ऑपरेशन कालनेमि शुरू किया है.

धार्मिक वेशभूषा की आड़ में हिन्दू आस्था और जनता को ठगने वालों के अब बुरे दिन शुरू हो गए हैं। उत्तराखंड में ऐसे पाखंडियों के विरुद्ध 'ऑपरेशन कालनेमि' नामक वज्रपात चलाया जा रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में ‘ऑपरेशन कालनेमि’ की घोषणा करते हुए साफ कर दिया कि देवभूमि उत्तराखंड में आस्था के नाम पर धोखाधड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सीएम का कहना है कि हमारा उद्देश्य राज्य की धार्मिक और सांस्कृति गरिमा की रक्षा करना है। सीएम धामी ने ढोंगियों को सख्त चेतावनी देते हुए स्पष्ट शब्दों में कहा है– या तो सुधर जाओ, नहीं तो सीधे सलाखों के पीछे जाओ!

बताते चलें की इस अभियान के तहत देहरादून पुलिस ने अब तक 25 ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया है, जो साधु-संतों का भेष धारण कर सार्वजनिक स्थानों पर बैठे थे, जबकि उनके पास न तो किसी तरह का धार्मिक या ज्योतिषीय ज्ञान था और न ही कोई वैध दस्तावेज। इनमें एक बांग्लादेशी नागरिक भी शामिल है, जिस पर विदेशी अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई है। बाकी पकड़े गए लोग उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, असम और अन्य राज्यों के रहने वाले हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस कार्रवाई की घोषणा करते हुए साफ शब्दों में कहा है कि देवभूमि उत्तराखंड में आस्था के नाम पर कोई भी धोखाधड़ी अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यह केवल ढोंगियो को पकड़ने की मुहिम नहीं है, बल्कि एक गहरी और बड़ी चिंता का परिणाम है

फर्जी साधुओं के खिलाफ देहरादून पुलिस का 'ऑपरेशन कालनेमि' (Photo: ITG)

उत्तराखंड में तेजी से बदलती जनसंख्या संरचना

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों में 2000 में मुस्लिम आबादी मात्र 1.5% के आसपास थी, लेकिन आज 2025 में इसके 17% से अधिक होने का अनुमान है। हरिद्वार, उधम सिंह नगर, नैनीताल और देहरादून जैसे मैदानी जिलों में मुस्लिम आबादी अब 30 से 38 प्रतिशत के बीच पहुंच चुकी है। उत्तरकाशी जैसे जिले, जहां कभी 150 मुस्लिम वोटर भी नहीं थे, आज वहां 5000 से अधिक मुस्लिम मतदाता हो चुके हैं। देहरादून के विकास नगर क्षेत्र में 6000 मुस्लिम वोटर थे, जो अब 32,000 से अधिक हो चुके हैं। हरिद्वार जिले में कुंभ क्षेत्र को छोड़ दें तो चारों ओर मुस्लिम आबादी फैली हुई है। ये केवल आंकड़े नहीं हैं, बल्कि ये उस डेमोग्राफिक चेंज की तस्वीर है जो भविष्य में उत्तराखंड की धार्मिक और सामाजिक बनावट को पूरी तरह बदल सकता है।

इस तेजी से बढ़ती मुस्लिम आबादी के बीच राज्य में फर्जी, अवैध मदरसों, और धार्मिक वेश में छिपे आपराधिक और राजनीतिक तत्वों की संख्या में भी तेजी से बढोतरी हुई है। ये तत्व केवल पाखंड फैलाकर जनता को ठग नहीं रहे, बल्कि देवभूमि की पवित्र छवि को भी मलिन कर रहे हैं। राज्य के कई हिस्सों में सरकारी जमीनों, रेलवे भूमि, और जंगल क्षेत्रों पर अवैध मस्जिदें, मदरसे और बस्तियां बसाई जा रही हैं। यूपी, बिहार, बंगाल, यहां तक कि बांग्लादेश और म्यांमार से आए रोहिंग्या मुसलमानों ने उत्तराखंड में बसावट करना शुरू कर दिया है। ये लोग पहले अन्य राज्यों से फर्जी आधार कार्ड बनवाते हैं और फिर उत्तराखंड आकर यहां के मुस्लिम जनप्रतिनिधियों के संरक्षण में स्थायी रूप से बस जाते हैं। राज्य के राजस्व विभाग की भ्रष्ट कार्यप्रणाली भी इस पूरी समस्या को और गंभीर बना रही है, जहां फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जमीनें कब्जाई जा रही हैं और वैध नागरिकता के प्रमाण तैयार कर लिए जा रहे हैं।

 देवभूमि उत्तराखंड, जिसे कभी ऋषि-मुनियों की तपोभूमि कहा जाता था, अब धीरे-धीरे मजहबी घुसपैठ और ढोंगी पाखंडियों का केंद्र बनता जा रहा है। एक तरफ आबादी का धार्मिक संतुलन बदल रहा है, तो दूसरी तरफ आस्था के नाम पर पाखंड और व्यापार का जाल बिछता जा रहा है। यही कारण है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ऑपरेशन कालनेमि की शुरुआत करते हुए चेतावनी दी है

बता दें ऑपरेशन कालनेमि अब केवल ढोंगियों के विरुद्ध कार्रवाई भर नहीं है, बल्कि यह उत्तराखंड की धार्मिक, सांस्कृतिक और जनसंख्या संरचना को बचाने की निर्णायक लड़ाई बन चुकी है। जिस देवभूमि को आस्था, श्रद्धा और सनातन संस्कृति की पहचान माना जाता था, वहां अब पाखंड, मजहबी कट्टरता और राजनीतिक स्वार्थ हावी होने लगे हैं। इसीलिए अब वक्त आ गया है कि राज्य सरकार और आम जनता मिलकर इस लड़ाई को गंभीरता से लें, ताकि उत्तराखंड की आत्मा को न केवल बचाया जा सके, बल्कि फिर से उसे उसकी खोई हुई गरिमा भी लौटाई जा सके।

Uttarakhand Operation Kalanemi continues against fake saints police arrested 25 fake babas ANN उत्तराखंड में पाखंडियों के खिलाफ 'ऑपरेशन कालनेमि' जारी, पुलिस ने 25 ढोंगी बाबा किए गिरफ्तार

जानकारी के अनुसार ‘ऑपरेशन कालनेमि’ के माध्यम से अबतक 25 से अधिक फर्जी पाखंडियों को पकड़ कर उनके खिलाफ BNS की धारा 170 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। और देहरादून पुलिस ने जनता से अपील की है कि वे सतर्क रहें और यदि कहीं कोई संदिग्ध पाखंडी नजर आए, तो तुरंत इसकी सूचना पुलिस को दें। सरकार का यह कदम न केवल कानून व्यवस्था की दृष्टि से जरूरी है, बल्कि यह उत्तराखंड की धार्मिक और सांस्कृतिक आत्मा को पुनः जागृत करने का प्रयास भी है। पिछले कुछ वर्षों में जिस तरह से देवभूमि की पहचान को ढोंग और अंधविश्वास के पर्दे के पीछे छिपाने की कोशिश की गई, ‘ऑपरेशन कालनेमि’ उस पर कड़ा प्रहार है। यह अभियान जब तक चले, तब तक जरूरी है कि जनता भी सरकार का साथ दे, सजग रहे और फर्जी साधु-संतों को देवभूमि की पवित्र मिट्टी से उखाड़ फेंकने में भागीदार बने।

उत्तराखंड पुलिस का ऑपरेशन कालनेमि: देहरादून में 25 ढोंगी बाबाओं को किया  गिरफ्तार | Uttarakhand Police Operation Kalanemi: 25 fake babas arrested in  Dehradun