उत्तराखण्ड में ‘नकली स्थायी निवासी रैकेट’ का भंडाफोड़...
उत्तराखण्ड में बाहरी राज्यों के लोगों को फर्जी तरीके से
स्थायी निवासी बनवाने वाले एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश हुआ है। यह गिरोह एक जैसे
नाम वाले वास्तविक स्थायी निवासियों के दस्तावेजों का दुरुपयोग कर बाहरी
व्यक्तियों को उत्तराखण्ड का निवासी बताकर फर्जी प्रमाणपत्र जारी कर रहा था।
यह खुलासा तब हुआ जब कुमाऊं मंडल के कमिश्नर दीपक
रावत को जनसुनवाई के दौरान एक गंभीर शिकायत मिली। शिकायतकर्ता ने बताया कि उसके
दस्तावेजों का गलत इस्तेमाल कर उत्तर प्रदेश के बरेली निवासी व्यक्ति को स्थायी
निवास प्रमाणपत्र जारी कर दिया गया है।
जाँच के दौरान बड़ा खुलासा
जबकि इसी नाम के वास्तविक निवासी बनभूलपुरा में पहले से
रहते हैं और उनके दस्तावेजों को ही इस फर्जीवाड़े में इस्तेमाल किया गया।
फर्जीवाड़े षड्यंत्र
का मास्टरमाइंड ‘अरायजनवीस फैजान मिकरानी”
जांच में सामने आया कि यह काम तहसील में दस्तावेज लेखन करने
वाला अरायजनवीस फैजान मिकरानी कर रहा था।
आयुक्त की टीम ने अरायजनवीस फैजान के घर से-
-बड़ी संख्या में आधार कार्ड
-बिजली के बिल
अन्य निजी दस्तावेज बरामद किए, जिन्हें बाहरी लोगों को उत्तराखण्ड का निवास प्रमाणपत्र
बनवाने में गलत उपयोग किया जा रहा था।
कैसे बनाया जा रहा था फर्जी स्थायी निवास?
जांच में यह चौंकाने वाला तरीका सामने आया कि...
-फैजान ने बनभूलपुरा निवासी रईस के मोबाइल नंबर पर OTP
मंगाया
-इसी तरह बाहरी राज्यों के लोगों के दर्जनों प्रमाणपत्र
तैयार किए गए होने की आशंका है।
सरकारी विभागों की संलिप्तता
जांच के दौरान यह भी पता चला कि ऊर्जा निगम और अन्य विभागों
के कुछ कर्मचारी इस गिरोह से जुड़े हुए थे। फैजान और ऊर्जा निगम के एक कर्मचारी के
बीच लगातार संपर्क था, जो बिजली के
बिलों की आपूर्ति करता था। इन्हीं बिलों के आधार पर मिलते-जुलते नाम वाले लोगों का
स्थायी निवास तैयार किया जा रहा था।
आयुक्त ने दिए सख्त आदेश
जिले के सभी DM को अपने-अपने क्षेत्रों में इसी तरह की जांच के आदेश दिए, संबंधित अरायजनवीस
के लाइसेंस की जांच और बिना लाइसेंस के तहसील में दस्तावेज लेखन कार्य करने वालों
पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
डेमोग्राफिक बदलाव की षड्यंत्र की आशंका
कुमाऊं मंडल के आयुक्त दीपक रावत के अनुसार ऐसा प्रतीत होता
है कि इस तरह की संदिग्ध और आपराधिक गतिविधियों के जरिए प्रदेश की जनसांख्यिकी में
बदलाव लाने की साजिश रची जा रही है।
मामला बेहद संवेदनशील और बड़ा होने के कारण इसकी जांच तेजी
से जारी है।



