आगरा, उत्तर प्रदेश
मत बदलकर ‘मोहम्मद अली’ बना, अब फिर से ‘पीयूष पंवार’ बनना चाहता है। ये कहानी किसी फिल्मी पटकथा से कम नहीं। राजस्थान के टोंक जिले का रहने वाला पीयूष, एक मुस्लिम लड़की सना के प्रेम में इतना अंधा हुआ कि दिल्ली जाकर मौलाना कलीम सिद्दीकी से इस्लाम कबूल कर लिया। नाम बदल गया, पहचान बदल गई। लेकिन दिल के भीतर का खालीपन नहीं भरा। वापस आकर उसने सना को फोन किया तो उसका फोन स्विच ऑफ मिला और सच्चाई सामने आई—वह लड़की सिर्फ प्यार का बहाना थी, असल में मतांतरण गैंग की मोहरा थी। मोहम्मद अली उर्फ पीयूष पंवार तब भी नहीं रुका। वो खुद भी उसी जाल का हिस्सा बन गया। हिंदू और ईसाई युवाओं को फुसलाकर मुसलमान बनाने लगा। लेकिन अब जब पुलिस ने उसे जयपुर से गिरफ्तार किया, तो मोहम्मद अली टूट गया है। पूछताछ के दौरान फूट-फूटकर रोते हुए वह बोला—'मुझे फिर हिंदू बना दो मां से माफी मांगनी है। उनके चरणों में गिरकर रोना है। पीयूष बनकर जीना है।' सवाल ये है,क्या ये सच में पश्चाताप है? या कानून की सजा से बचने की चाल? जो भी हो, ये तो साफ है कि सनातन छोड़कर भटकने वाला आखिर लौटकर वहीं आता है। क्योंकि सत्य सिर्फ एक है—सनातन!