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पीएम मोदी ने 'मन की बात' में की महाकुंभ की भव्यता की प्रशंसा

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- एकता के संदेश को किया सशक्त कहा एक हो पूरा देश   

प्रयागराज। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के अंतिम एपिसोड में प्रयागराज में आयोजित होने वाले महाकुंभ 2025 का विशेष रूप से उल्लेख किया। लगभग चार मिनट तक उन्होंने इस भव्य आयोजन की महत्ता, इसकी विशालता और भारतीय संस्कृति में इसके विशेष स्थान पर चर्चा की।  

एक हो पूरा देश' का दिया संदेश -

पीएम मोदी ने कहा कि महाकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और एकता का प्रतीक है। उन्होंने देशवासियों से अपील की कि वे इस आयोजन में शामिल होकर "एक हो पूरा देश" के संदेश को आत्मसात करें। उन्होंने कहा, "गंगा की अविरल धारा, न बंटे समाज हमारा," यही महाकुंभ का मुख्य संदेश है, जो देशवासियों को एकता के सूत्र में बांधने का प्रयास करता है।  

महाकुंभ की तैयारियों पर पीएम ने साझा किए अनुभव -

प्रधानमंत्री ने बताया कि हाल ही में उन्होंने प्रयागराज का दौरा किया, जहां उन्होंने हेलीकॉप्टर से महाकुंभ मेला क्षेत्र का अवलोकन किया। उन्होंने इसकी भव्यता और विशालता की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह न केवल देखने में अद्भुत है, बल्कि इस आयोजन की विविधता भी मन को मंत्रमुग्ध करती है।  

अनेकता में एकता का अद्भुत दृश्य -

पीएम मोदी ने कहा कि महाकुंभ की विशेषता इसकी विशालता और विविधता है। इसमें करोड़ों लोग, लाखों संत, हजारों परंपराएं और अनेकों अखाड़ों का समागम होगा। यह आयोजन विश्व में "अनेकता में एकता" का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत करेगा। उन्होंने इसे "एकता का महाकुंभ" करार देते हुए देशवासियों से इस आयोजन में भाग लेने और एकता का संकल्प लेकर लौटने का आह्वान किया।  

डिजिटल महाकुंभ की नई पहल -

पीएम मोदी ने महाकुंभ 2025 में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के उपयोग का जिक्र करते हुए इसे डिजिटल युग का एक शानदार उदाहरण बताया। उन्होंने कहा कि महाकुंभ में पहली बार एआई चैटबॉट का इस्तेमाल किया जा रहा है, जो 11 भारतीय भाषाओं में टेक्स्ट और आवाज के माध्यम से जानकारी प्रदान करेगा। इसके अलावा, एआई-पावर्ड कैमरे लगाए गए हैं, जो मेले में बिछड़ने वालों को ढूंढने में सहायता करेंगे।  

महाकुंभ: एकता और संस्कृति का संगम -

प्रधानमंत्री मोदी ने महाकुंभ को भारतीय संस्कृति का सबसे बड़ा सांस्कृतिक आयोजन बताया, जो 13 जनवरी से 26 फरवरी 2025 तक प्रयागराज के संगम तट पर आयोजित होगा। उन्होंने कहा कि यह आयोजन न केवल भारत, बल्कि पूरे विश्व के लिए भारतीय संस्कृति, भव्यता और एकता का संदेश देगा।  

प्रधानमंत्री के इस विशेष उल्लेख के बाद महाकुंभ को लेकर श्रद्धालुओं और देशवासियों में और अधिक उत्साह देखने को मिल रहा है। प्रशासन और स्थानीय व्यवस्था इसके लिए व्यापक तैयारियों में जुटी हुई है।