संघ संस्मरण
रज्जू भैया से एक कार्यकर्ता ने पूछा कि नए व्यक्ति के साथ काम करते हुए हमें किन बातों का ध्यान रखना चाहिए तो रज्जू ने जिज्ञासा का समाधान करते हुए कहा- 'देखो भाई, सभी व्यक्ति मूलतः अच्छे होते हैं। अच्छा मान कर हर व्यक्ति से व्यवहार करना चाहिए। क्रोध, क्षोभ, ईर्ष्या आदि के कारण उसके व्यव्यहार में परिवर्तन तात्कालिक कारकों का परिणाम होता है। मूलतः व्यक्ति अच्छा है और मूलतः प्रत्येक व्यक्ति विश्वसनीय है। हमें यह मानकर ही चलना चाहिए।' उन्होंने यह भी कहा कि क्रोध करने से कोई लाभ नहीं होता। उन्होंने इस व्यवहार और क्रोध पर संतुलन पा लिया था। इसीलिये वे अधिक लोगों को साथ लेकर चल सके।
।। प्रोफेसर राजेन्द्र सिंह की जीवन यात्रा, रतन शारदा, सुरुचि प्रकाशन, नई दिल्ली, पृष्ठ-195 ।।