• अनुवाद करें: |
संघ दर्शन

व्यवहारिक संबंधों पर रज्जू भैया का स्वयंसेवक को मंत्र

  • Share:

  • facebook
  • twitter
  • whatsapp

संघ संस्मरण  

रज्जू भैया से एक कार्यकर्ता ने पूछा कि नए व्यक्ति के साथ काम करते हुए हमें किन बातों का ध्यान रखना चाहिए तो रज्जू ने जिज्ञासा का समाधान करते हुए कहा- 'देखो भाईसभी व्यक्ति मूलतः अच्छे होते हैं। अच्छा मान कर हर व्यक्ति से व्यवहार करना चाहिए। क्रोधक्षोभईर्ष्या आदि के कारण उसके व्यव्यहार में परिवर्तन तात्कालिक कारकों का परिणाम होता है। मूलतः व्यक्ति अच्छा है और मूलतः प्रत्येक व्यक्ति विश्वसनीय है। हमें यह मानकर ही चलना चाहिए।उन्होंने यह भी कहा कि क्रोध करने से कोई लाभ नहीं होता। उन्होंने इस व्यवहार और क्रोध पर संतुलन पा लिया था। इसीलिये वे अधिक लोगों को साथ लेकर चल सके।



।। प्रोफेसर राजेन्द्र सिंह की जीवन यात्रारतन शारदासुरुचि प्रकाशननई दिल्लीपृष्ठ-195   ।।