सरदार भाई रणधीर सिंह जी की जयन्ती पर कोटि-कोटि नमन
7 जुलाई 1878
-6
अप्रैल
1961
प्रथम विश्वयुद्ध
के समय ब्रिटिश सरकार ने रकाबगंज गुरुद्वारा की बाहरी दीवार गिरा देने का आदेश दिया तो भाई रणधीर
सिंह ने अंग्रेजी तंत्र के विरुद्ध मोर्चा खोल 1915 में उन्होंने ब्रिटिश सत्ता को देश से उखाड़ फेंकने का निश्चय किया किन्तु
भेद खुल जाने के कारण उन्हें साथियों सहित गिरफ़्तार कर लिया गया। उन्हें आजीवन
कारावास की सजा मिली।17 वर्ष जेल में रहकर वे बाहर आए, बाहर
आने के बाद वे पुन: अंग्रेजों से माँ भारती की मुक्ति के लिए सक्रिय हो गये। वे
अंग्रेजों को लेकर कांग्रेस की अहिंसक नीतियों के प्रखर आलोचक थे।