नई दिल्ली. रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में आयोजित रक्षा अधिग्रहण परिषद की बैठक में सशस्त्र बलों की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए 2 लाख 23 हजार करोड़ रुपये के पूंजी अधिग्रहण प्रस्तावों को मंजूरी दी गई. रक्षा मंत्रालय ने कहा कि कुल खरीद का 98 प्रतिशत घरेलू उद्योगों से प्राप्त किया जाएगा. इससे आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए भारतीय रक्षा उद्योग को बढ़ावा मिलेगा.
परिषद ने दो प्रकार के एंटी-टैंक युद्ध सामग्री – एरिया डिनायल म्यूनिशन टाइप (एडीएम)-2 और टाइप-3 की खरीद को मंजूरी दी है. ये दुश्मन के टैंक और बख्तरबंद वाहन तथा जवानों को बेअसर करने में सक्षम हैं. 155 एमएम आर्टिलरी गन में उपयोग के लिए 155 एमएम नुबलेस प्रोजेक्टाइल’ की खरीद को भी स्वीकृति भी दी गई है.
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि टी-90 टैंकों के लिए ऑटोमैटिक टारगेट ट्रैकर और डिजिटल बेसाल्टिक कंप्यूटर की खरीद को भी मंजूरी दी गई है. नौसेना के लिए मध्यम दूरी की एंटी-शिप मिसाइलों की खरीद को भी मंजूरी दी गई है. इसके अलावा परिषद ने वायु सेना और सेना के लिए हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर की खरीद को भी स्वीकृति दी है.
स्वदेशीकरण को बढ़ाने के लिए परिषद ने रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया 2020 में एक बड़े संशोधन को मंजूरी दी है. खरीद मामलों की सभी श्रेणियों में न्यूनतम 50 प्रतिशत सामग्री, घटक और सॉफ्टवेयर भारत में निर्मित होंगे.