राष्ट्र का निर्माण नागरिकों से होता है।
एक-एक नागरिक के योगदान से समाज सशक्त बनता है। इसको चरितार्थ किया है हल्द्वानी
की पार्वती किरौला ने। हल्द्वानी की रहने वाली पार्वती किरौला ने रीतिरेमेंट के बाद जरूरतमंदों
बच्चों को पढ़ाना शुरू किया। अभी इनके यहाँ 57 बच्चे रोज पढ़ने पहुंचते है। वे
बच्चों को पुस्तकों के साथ कंप्युटर
प्रशिक्षण भी दे रही है। यहाँ तक कि कापी-किताबें, जूते-चप्पल उपलब्ध करातीं है । दरअसल पार्वती ब्रेस्ट कैंसर की पीडि़त रहीं। 10 साल पहले आपरेशन के
बाद वह स्वस्थ हो गई रीं। जनवरी 2020 में कोरोना के दौरान उन्हें बीमारी ने फिर से घेर लिया सितंबर 2020 दोबारा आपरेशन कराया
और एक बार फिर नेकी की राह पर बढ़ गईं। अस्वस्थता के बाद भी पार्वती ने शिक्षा की
अलख बुझने न दी।
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अस्वस्थता की बाद भी अभावग्रस्त बच्चों का जीवन संवार रही 70 वर्षीय पार्वती
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