एटा, उत्तर प्रदेश
जलेसर क्षेत्र के ऊंचागांव की महिलाएं अब सिर्फ घर नहीं, कारोबार भी संभाल रही हैं। आर्टिफीसियल ज्वेलरी बनाकर ये महिलाएं प्रतिदिन 500 रुपये तक कमा रही हैं और हर दस दिन में जिले के कस्बों में थोक व्यापारियों को अपने उत्पाद बेच रही हैं। कभी जो महिलाएं दूसरों पर निर्भर थीं, आज स्वयं रोजगार की मिसाल बन गई हैं। बिना किसी बड़ी पूंजी के शुरू किया गया यह व्यवसाय अब विस्तार की राह पर है। इनका फॉर्मूला है मेहनत के बदले मजदूरी और व्यापार में मुनाफा। यह पहल उस मानसिकता को सीधी चुनौती है, जो महिलाओं को सिर्फ चौके-चूल्हे तक सीमित देखना चाहती थी। इस क्षेत्र में करीब 900 स्वयं सहायता समूहों में 9000 महिलाएं सक्रिय हैं। ये महिलाएं न सिर्फ घर चला रही हैं, बल्कि मेलों और बाजारों में अपने उत्पादों से लोगों का ध्यान भी खींच रही हैं। हर चूड़ी अब प्रतीक है आत्मविश्वास का, हर बाली में चमकता है संघर्ष और सफलता का सपना। ऊंचागांव की ये महिलाएं बता रही हैं – हुनर अगर हो, तो सीमाएं खुद मिट जाती हैं।