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90 दिनों में लखपति बने किसान

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एटा, उत्तर प्रदेश

बदलते वक्त के साथ अब खेतों में भी बदलाव की बयार बह रही है। परंपरागत खेती की बढ़ती लागत और कम मुनाफे से परेशान किसान अब नई राहों की ओर कदम बढ़ा चुके हैं और यह राह है बेबी कॉर्न व स्वीट कॉर्न की खेती। उत्तर प्रदेश के एटा जिले में सैकड़ों बीघा जमीन पर लहलहा रही इन सुनहरी बालियों ने साबित कर दिया है कि अगर सोच बदलो, तो धरती भी सोना उगल सकती है।

इस फसल की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह केवल 70 से 90 दिनों में तैयार हो जाती है और परंपरागत मक्का के मुकाबले 4 गुना अधिक दाम पर बिकती है। जहां आम मक्के की कीमत 2000 रुपये प्रति क्विंटल होती है, वहीं बेबी कॉर्न और स्वीट कॉर्न को होटल व रेस्तरां में सप्लाई कर 8 से 10 हजार रुपये प्रति क्विंटल तक की कीमत मिल रही है। इतना ही नहीं, इसकी मांग शहरों में सलाद, सूप, पिज्जा, अचार जैसे व्यंजनों में लगातार बढ़ती जा रही है, जिससे किसानों की आमदनी भी दिन दूनी रात चौगुनी की तीव्रता से बढ़ रही है। खेती को ठेके पर देकर या मौसम की बंदिशों से परे इसे किसी भी समय उगाकर किसान अब घाटे से नहीं, मुनाफे से बात कर रहे हैं। यह फसल न केवल कम समय में तैयार होती है अपितु स्वास्थ्य के लिहाज से भी बेहद पौष्टिक और लाभकारी मानी जाती है।  

स्वीट कॉर्न मक्के की खेती से किसान कम समय में कमा रहे हैं अधिक मुनाफा