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धरती से निकली शिवलिंग

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एटा, उत्तर प्रदेश

भारत की भूमि केवल मिट्टी नहीं, यह सूर्य की किरण से प्रारम्भ होने वाली सनातन संस्कृति है और जब समय आता है, यही भारतीय संस्कृति हमें हमारी भव्य विरासत का स्मरण कराती है कि इस भूमि के हर कण में शिव बसते हैं। ऐसा ही एक साक्ष्य उत्तर प्रदेश के एटा जिले के एक गाँव में देखने को मिला, जहाँ सावन के पावन मास से ठीक पहले मजदूरों को खुदाई में एक विशेष आकृति दिखी, जिसे साफ करते ही वहाँ मौजूद हर व्यक्ति स्तब्ध रह गया क्योंकि वह आकृति किसी और की नहीं बल्कि एक प्राचीन शिवलिंग की थी जो स्वयं धरती से प्रकट हुआ... यह कोई साधारण आकृति नहीं अपितु स्वयं महादेव का प्रतीक शिवलिंग था। पल भर में यह समाचार पूरे गाँव में फैल गया और श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। जयघोषों, पुष्पवर्षा और पूजा-अर्चना के साथ शिवलिंग का स्वागत हुआ और पूरा वातावरण “हर हर महादेव” की गूंज से भर उठा। यह दृश्य केवल एक धार्मिक आस्था नहीं अपितु सनातन की जीवंत विरासत का प्रमाण है — जो बताता है कि चाहे भारत के भूगोल को कितने ही टुकड़ों में बाँटा गया हो, पर इसकी आत्मा आज भी अखंड है। प्रकट हुआ यह शिवलिंग केवल आस्था का केंद्र नहीं बना, अपितु यह एक जागृत संकेत भी है कि सनातन कोई कल्पना नहीं अपितु आज भी जीवित परंपरा है, भारत की भूमि कोई सामान्य भूमि नहीं — यह देवभूमि है, जहां हर कण में शिव का वास है।

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