भाई महाराज सिंह जी के
13 जनवरी 1780 – 5 जुलाई 1856
महाराजा रणजीत सिंह के अचानक निधन के बाद मातृभूमि को अंग्रेजों की कुटिल नीति का शिकार होते देख भाई महाराज सिंह ने अंग्रेजों के विरुद्ध लोगों को संगठित करना शुरू कर दिया। भाई महाराज सिंह की जनजागृति से लोगों ने अंग्रेजों के विरुद्ध हथियार उठा लिए। भाई महाराज सिंह के समर्थन से हुआ जनविरोध अंग्रेजों के लिए सिरदर्द बन गया। अंग्रेजों ने बड़ी मुश्किल से 28 दिसंबर, 1849 को उन्हें गिरफ्तार कर लिया और पहले कलकत्ता और बाद में सिंगापुर की जेल में डाल दिया। 5 जुलाई, 1856 को जेल की अँधेरी काल कोठरी में ब्रिटिश तंत्र के अत्याचारों का सामना करते-करते वे बलिदान हो गये।