खण्डवा, मध्य प्रदेश
खण्डवा में आयोजित सेवा संस्था बैठक में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य भय्याजी जोशी का मार्गदर्शन कार्यकर्ताओं को प्राप्त हुआ। भय्याजी जोशी ने कहा कि सेवा का परिणाम केवल तात्कालिक मदद तक सीमित नहीं होना चाहिए। उसका उद्देश्य आत्मविश्वास, आत्मसम्मान और स्वावलंबन जगाने के साथ-साथ ऐसे व्यक्तित्व का निर्माण करना होना चाहिए, जो आगे चलकर समाज सेवा में स्वयं को समर्पित कर सके। उन्होंने कहा कि सामाजिक कार्य की परिधि चार शब्दों के इर्द-गिर्द घूमती है – सेवा, संस्कार, जागरूकता और सामाजिक सुधार। इन्हीं के आधार पर एक विकसित और सशक्त समाज का निर्माण किया जा सकता है। “हमें सेवा का अवसर मिला है, यह हमारा सौभाग्य है। सेवा केवल सहायता भर नहीं है, बल्कि जिसकी सेवा की जा रही है उस व्यक्ति को ईश्वर मानकर की जाए तो अहंकार भी समाप्त हो जाता है।” उन्होंने कहा कि “देशभक्ति केवल स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि यह हमारे दैनिक आचरण का हिस्सा होनी चाहिए।” भाषा और स्वदेशी को रेखांकित करते हुए उन्होंने बताया कि चीन, जापान और रूस अंग्रेजी को व्यावहारिक भाषा के रूप में स्वीकार नहीं करते, फिर भी वे विकसित राष्ट्र हैं। इसलिए भारत को अपनी भाषा और स्वदेशी पर गर्व करना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्वदेशी मजबूत अर्थशक्ति का आधार है और यह वर्तमान समय की सबसे बड़ी आवश्यकता है। भय्याजी जोशी ने नागरिक अनुशासन पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि “भारत के लोग अच्छे हैं, लेकिन देश की प्रतिष्ठा नागरिक अनुशासन पालन से बढ़ती है।” साथ ही समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर करने के लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि भारतीय समाज सदा से प्रकृति पूजक रहा है, इसलिए प्रदूषण मुक्त और स्वच्छ वसुंधरा के लिए सामूहिक प्रयास आवश्यक है। विशेष रूप से पेड़ लगाओ, पानी बचाओ एवं प्लास्टिक हटाओ के साथ सिंगल-यूज प्लास्टिक को पूरी तरह ‘ना’ कहने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि भारत की कुटुंब व्यवस्था ही हमारी सबसे बड़ी शक्ति है। परिवार व्यवस्था ने हजारों वर्षों से समाज को स्थिरता और मजबूती प्रदान की है। मनुष्य का जीवन परस्परावलंबी है और एक-दूसरे के बिना इसकी कल्पना कठिन है। उन्होंने सभी सेवाभावी कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि सेवा कार्यों से समाज को आत्मनिर्भर, आत्मसम्मान, आत्मविश्वास और संस्कारवान व्यक्तित्व के निर्माण की दिशा में आगे बढ़ाएं। कार्यक्रम में मंच पर मालवा प्रांत के संघचालक डॉ. प्रकाश शास्त्री उपस्थित रहे।