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भारत का भविष्य 'अखण्ड हिन्दू राष्ट्र'

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दिल्ली

विश्व हिंदू परिषद स्थापना दिवस एवम विभाजन विभीषिका पर केंद्रीय संगठन महामंत्री मा. मिलिंद जी ने कहा कि भारत का भविष्य अखण्ड भारत के रूप में है और यह एक हिंदू राष्ट्र होगा, जो किसी के विरोध में नहीं बल्कि सबके कल्याण के लिए होगा, जी हां 20 अगस्त को दिल्ली के PGDAV महाविद्यालय में विश्व हिंदू परिषद स्थापना दिवस और विभाजन विभीषिका पर एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता केंद्रीय संगठन महामंत्री मा. मिलिंद परांडे जी उपस्थित रहे, जबकि दिल्ली सरकार के कैबिनेट मंत्री कपिल मिश्रा जी मुख्य अतिथि थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. रविन्द्र कुमार गुप्ता ने की। कार्यक्रम दौरान अपने भाषण में मिलिंद परांडे ने राष्ट्रवाद, हिंदू अस्मिता और भारत के भविष्य को लेकर कई महत्वपूर्ण बातें कहीं। उन्होंने कहा कि भारत का भविष्य अखण्ड भारत के रूप में है और यह एक हिंदू राष्ट्र होगा, जो किसी के विरोध में नहीं बल्कि सबके कल्याण के लिए होगा। उन्होंने राम मंदिर आंदोलन को हिंदू समाज के जागरण और एकता का प्रतीक बताया। मिलिंद जी ने धर्मांतरण और जनसंख्या असंतुलन को बड़ी समस्या बताया और खासकर झारखंड और पूर्वोत्तर राज्यों में हो रही घटनाओं पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि हिंदू समाज को संगठित होकर इन चुनौतियों का सामना करना होगा। साथ ही उन्होंने युवाओं को राष्ट्र निर्माण में सक्रिय योगदान देने की प्रेरणा दी। आगे उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि संविधान में “धर्मनिरपेक्ष” शब्द मूल रूप से शामिल नहीं था, बल्कि आपातकाल के दौरान जोड़ा गया था। उनके पूरे भाषण का मुख्य संदेश यही रहा कि हिंदू समाज को एकजुट होकर भारत के भविष्य के लिए काम करना चाहिए।

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