- बाइक रैली निकालते समय इस्लामी जेहादियों ने की थी चंदन की हत्या
- सात साल कानूनी लड़ाई के बाद आया फैसला
- 26 जनवरी, 2018 को उत्तर प्रदेश के कासगंज में हत्या कर दी गई थी
कासगंज। चंदन गुप्ता हत्याकांड में सभी 28 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। एनआईए कोर्ट ने इस फैसले के बाद भारत विरोधी और तिरंगा विरोधी इस्लामी जेहादियों को उम्रकैद की सजा सुनाते ही एक संदेश भी दिया, अपराध के साथ देश विरोधी गतिविधियों में दया का स्थान नहीं है। एनआईए कोर्ट ने सबसे पहले सभी को दोषी करार दिया था। चंदन गुप्ता की 26 जनवरी, 2018 को उत्तर प्रदेश के कासगंज में हत्या कर दी गई थी। यह फैसला लगभग 7 साल की कानूनी लड़ाई के बाद आया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, लखनऊ के NIA कोर्ट ने शुक्रवार (3 जनवरी, 2025) को यह फैसला सुनाया। कोर्ट ने इस मामले में दोषी पाए गए 28 लोगों को उम्रकैद की सजा दी है। इससे पहले गुरुवार को इन्हें दोषी ठराया गया था जबकि 2 आरोपितों को बरी कर दिया गया था। इन्हें सबूत ना होने के चलते बरी किया गया था।
NIA कोर्ट ने चंदन गुप्ता हत्याकांड में आसिफ कुरैशी उर्फ हिटलर, असलम, असीम, शबाब, साकिब, मुनाजिर रफी, आमिर रफी, सलीम, वसीम, नसीम, बबलू, अकरम, तौफीक, मोहसिन, राहत, सलमान, आसिफ जिम वाला, निशु, वासिफ, इमरान , शमशाद, जफर, शाकिर, खालिद परवेज, फैजान, इमरान, शाकिर, जाहिद उर्फ जग्गा को यह उम्रकैद की सजा दी है।
गणतंत्र दिवस (26 जनवरी, 2018) के दिन चंदन गुप्ता बाकी युवाओं के साथ कासगंज में एक बाइक रैली निकाल रहे थे। यह बाइक रैली तिरंगों के साथ निकाली गई थी। जब यह रैली राजकीय बालिका इंटर कॉलेज के पास पहुँची तो यहीं पर मुस्लिम युवकों ने हमला कर दिया। मुस्लिम युवकों ने हिन्दुओं पर फायरिंग की और पत्थर बरसाए।
चंदन गुप्ता को निशाना बना कर गोली मारी गई, इसके चलते उनकी मौत हो गई। इसके बाद कासगंज में काफी हिंसा हुई। मामले में वसीम, नसीम समेत कई आरोपित पुलिस ने पकड़े थे। इनमें से एक को छोड़ कर बाकी को जमानत भी मिल गई थी। चंदन गुप्ता का परिवार इसके बाद कानूनी लड़ाई लड़ रहा था।
चंदन गुप्ता का परिवार बीते लगभग 7 वर्षों में कई कठिनाइयाँ झेल चुका है। चंदन गुप्ता के भाई और बाकी परिवार को सुरक्षा संबंधी चिंताएँ भी थी। उन पर कई बार समझौते के लिए भी दबाव बनाया गया था। उनके परिवार ने ऑपइंडिया से बातचीत में वादे ना पूरे होने की बात कही थी।