- खालिस्तानी आतंकियों के नेटवर्क और उनकी विदेशी कनेक्शन की ओर इशारा
पीलीभीत। उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में हाल ही में हुए मुठभेड़ में मारे गए खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स (केजेडएफ) के तीन आतंकियों से जुड़े मामले में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। आतंकियों को स्थानीय स्तर पर सहायता प्रदान करने वाले मददगारों ने पुलिस पूछताछ में कई अहम जानकारियां दी हैं।
इंग्लैंड से आया था फोन -
मददगारों में से एक, जसपाल सनी, ने बताया कि उसे इंग्लैंड से किसी "सिद्धू" नाम के व्यक्ति ने फोन कर आतंकियों की सहायता करने का निर्देश दिया था। सिद्धू हरियाणा के जींद जिले का निवासी है, जो करीब डेढ़ साल पहले पूरनपुर और गजरौला जप्ती गांव में रुका था। बाद में वह ग्रीस होते हुए इंग्लैंड चला गया। सिद्धू ने जसपाल को बताया कि उसके तीन साथी पूरनपुर पहुंच रहे हैं और उन्हें ठहराने में मदद करनी है।
होटल में ठहराने के लिए फर्जी आधार -
जसपाल ने गांव के ही दीपक को साथ लिया और पूरनपुर पहुंचकर आतंकियों से मुलाकात की। आतंकियों को होटल हरजी में ठहराया गया, जिसके लिए इंग्लैंड से भेजे गए फर्जी आधार कार्ड का इस्तेमाल किया गया। आतंकियों ने होटल के कमरा नंबर 105 में डेरा डाला। पुलिस ने इस कमरे को सील कर दिया है और होटल के मैनेजर से भी पूछताछ की गई।
एनआईए और पुलिस की कार्रवाई -
पुलिस और एनआईए ने आतंकियों के मददगारों की तलाश में पीलीभीत से लखीमपुर खीरी तक कई जगह छापेमारी की। इस दौरान कई संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। पुलिस ने फर्जी आधार कार्ड के इस्तेमाल और आतंकियों को होटल में ठहराने के मामले में तीनों मारे गए आतंकियों समेत दो मददगारों पर केस दर्ज किया है।
जांच में जुटी पुलिस -
एसपी अविनाश पांडेय ने बताया कि मामले की गहन जांच की जा रही है। होटल से बरामद सीसीटीवी फुटेज और डीवीआर का विश्लेषण किया जा रहा है। पूछताछ में जसपाल ने इंग्लैंड के नंबर से कॉल आने और निर्देश मिलने की पुष्टि की है। फर्जी आधार कार्ड के मामले में नगर चौकी इंचार्ज अमित कुमार ने रिपोर्ट दर्ज कराई है।
पिछले मुकदमे -
इससे पहले मुठभेड़ के दौरान पुलिस टीम पर फायरिंग करने के मामले में भी तीनों आतंकियों पर केस दर्ज किया गया था। विवेचना बीसलपुर कोतवाली प्रभारी कर रहे हैं।
एसपी का बयान -
एसपी अविनाश पांडेय ने कहा, “मददगारों से पूछताछ की जा रही है। जसपाल ने इंग्लैंड के नंबर से कॉल आने की बात कही है। मामले के हर पहलू की जांच की जा रही है। संदिग्ध गतिविधियों पर पुलिस की पैनी नजर है।”
इस घटना ने खालिस्तानी आतंकियों के नेटवर्क और उनकी विदेशी कनेक्शन की ओर इशारा किया है। जांच एजेंसियां इस पूरे मामले को गंभीरता से खंगाल रही हैं।