भारत विश्वगुरू बने... माँ भारती का यश पूरे विश्व में गाया जाए... इसके लिए आवश्यक है कि भारत का भविष्य ज्ञानवान हो। भारत का प्रत्येक बच्चा विवेक और सामर्थ्य से भरा हो। इसके लिए अनुशासन और अपनी संस्कृति को जानना आवश्यक है। वर्तमान सरकारें भी इसी दिशा में प्राण-प्रण से जुटी हैं, ताकि प्रत्येक बच्चे तक गुणवत्तापूर्ण एवं सुलभ शिक्षा पहुँचाना है। अगर इस मुहिम से प्रत्येक शिक्षक जुड़ जाए तो इस लक्ष्य तक जल्द-जल्द से पहुँचना बिल्कुल मुश्किल नहीं।
लखनऊ के केकेसी डिग्री कॉलेज ने इसी दिशा में सहारनीय पहल शुरू की है। कॉलेज के प्राचार रहे डॉ. एसडी शर्मा और शिक्षक डॉ. मेनू अरोड़ा ने पहली कक्षा से लेकर 8वीं तक के बच्चों को वैदिक शिक्षा से जोड़ने के लिए ऐसा प्लेटफॉर्म तैयार कर दिया है जिससे देश के विभिन्न वैदिक यूनिवर्सिटी भी जुड़ गई हैं।
छात्र-छात्राओं को संस्कृत, वेद और हिन्दी सिखाने के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म तैयार किया गया है। इस ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से प्रत्येक रविवार को बच्चों को फ्री में संस्कृत, वेद और हिंदी भाषा का ज्ञान दिया जाएगा। डॉ. मीनू अरोड़ा और डॉ. एसडी शर्मा ने बताया कि बेसिक ज्ञान के बाद नेशनल लेवल, जोनल लेवल और स्कूल लेवल पर संस्कृत और वेद आधारित प्रश्नों की प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी। प्रतियोगिता में अच्छा प्रदर्शन करने वाले छात्रों को 10 लाख रुपये तक का पुरस्कार दिया जाएगा। जिसमें नेशनल लेवल पर प्रथम आने वाले छात्र को 25 हजार, दूसरे नंबर पर आने वाले छात्र को 10 हजार, तीसरे नंबर पर आने वाले छात्र को 5000 रुपये दिए जाएंगे। जिससे वैदिक शिक्षा लेने वाले बच्चों में उत्साह बना रहे।
इस ऑनलाइन कोर्स में संस्कृत पढ़ाने के लिए आईआईटी, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय और कैलिफोर्निया की यूनिवर्सिटी समेत कई प्रतिष्ठित संस्थानों के शिक्षक जुड़े हुए हैं। जिसमें कोई भी बच्चा बिना कोई फीस दिए जुड़ सकता है। बच्चे संस्कृत और वेद पढ़ सकें, इसकी बेसिक ट्रेनिंग की शुरुआत की जाएगी।
डॉ. एसडी शर्मा ने बताया कि साध्वी ऋतंभरा के मार्गदर्शन में हमने ये मुहिम शुरू की है। वहीं डॉ. मीनू अरोड़ा ने मुहिम का लक्ष्य बताते हुए कहा- जब हम इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहे थे तो हमने पाया कि आमतौर पर हमारे बच्चे मदर्स डे, फादर्स डे, फ्रेंडशिप डे और विभिन्न तरह के इंटरनेशनल डे को तो सेलिब्रेट करते हैं, पर हमारी सभ्यता और संस्कृति के बारे में कोई ठोस जानकारी नहीं है। हमारा उद्देश्य छोटे बच्चों को देश की सांस्कृतिक, ज्ञान आधारित शिक्षा और संस्कारों के माध्यम से मूल्य आधारित जीवन अपनाने के लिए प्रति प्रेरित करना है।