ऋषिकेश, उत्तराखण्ड
आज के समय में बढ़ते प्रदूषण और प्लास्टिक के उपयोग को रोकना पर्यावरण संरक्षण के लिए अत्यन्त आवश्यक हो गया है। इसलिए एक पहल के रूप में परमार्थ निकेतन ने कांवड़ यात्रा के दौरान शिवभक्तों को जागरूक करने का अनोखा प्रयास किया है। जी हां परमार्थ निकेतन द्वारा कांवड़ियों को पॉलीथिन के उपयोग को खत्म करने के उद्देश्य से कपड़े के थैले बांटे गए हैं। निकेतन परिसर में एक कार्यक्रम आयोजित कर शिवभक्तों को थैले वितरित किए गए। इस अवसर पर परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि श्रावण मास में लाखों श्रद्धालु हर-हर महादेव के जयकारों के साथ कांवड़ यात्रा पर निकलते हैं। यह यात्रा केवल भक्ति का ही नहीं, बल्कि समाज और प्रकृति को संदेश देने का भी सशक्त माध्यम बन सकती है। स्वामी चिदानंद सरस्वती ने स्वयं कांवड़ियों से मुलाकात कर उन्हें “बोल बम, बोल बम, कचरा कर दो जड़ से खत्म” का संकल्प दिलाया और कपड़े के थैले भेंट किए। उन्होंने शिवभक्तों को स्वच्छ और प्लास्टिक मुक्त कांवड़ यात्रा का संदेश देते हुए कहा कि शिवभक्ति का असली अर्थ तभी पूरा होता है, जब हम शिव की बनाई इस सृष्टि का सम्मान करें और उसे प्रदूषण से बचाएं। इसके साथ ही परमार्थ निकेतन द्वारा बाघखाला में शिवभक्तों के लिए एक चिकित्सा शिविर भी लगाया गया है, जहां रोजाना सैकड़ों श्रद्धालुओं का निशुल्क उपचार किया जा रहा है।