कानपुर, उत्तर प्रदेश
श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी के शहीदी दिवस के उपलक्ष्य में मोती झील में आयोजित तीन दिवसीय कार्यक्रम के दूसरे दिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले जी ने गुरु ग्रन्थ साहिब के समक्ष मत्था टेका। उन्होंने कहा कि साहस, शौर्य और बलिदान के प्रतीक गुरु तेग बहादुर जी सिक्ख धर्म के नौवें गुरु थे। मुगल शासक औरंगजेब के अत्याचार सह रहे कश्मीरी पंडितों ने गुरु की शरण ली थी। गुरु ने उन्हें धर्म की रक्षा का वचन दिया और औरंगजेब की दमनकारी नीतियों का डटकर मुकाबला किया। औरंगजेब के आदेश पर उनको यातनाएं दी गईं, धर्म परिवर्तन का दबाव भी बनाया गया। इसके बावजूद वह अपने मार्ग से डिगे नहीं। वर्ष 1675 में उन्होंने धर्म, मानवता और मानवीय मूल्यों की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया था।
इस अवसर पर श्री गुरु सिंह सभा महानगर के पदाधिकारियों ने सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले जी को सरोपा देकर सम्मानित किया। श्री गुरु सिंह सभा कानपुर महानगर के चेयरमैन सरदार कुलदीप सिंह, प्रधान सिमरनजीत सिंह, गुरविंदर सिंह छाबड़ा आदि उपस्थित रहे।



