बरेली, उत्तर प्रदेश
बरेली की कल्पना सक्सेना और आकांक्षा भटनागर की सास-बहू जोड़ी ने एक ऐसा इनोवेटिव फीड तैयार किया है जो सिर्फ मुर्गियों की सेहत के लिए नहीं, बल्कि पूरे मानव स्वास्थ्य के लिए वरदान बन सकता है। पोल्ट्री और अन्य पशु उत्पादों में एंटीबायोटिक दवाओं के अंधाधुंध उपयोग से जहां मुर्गियों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो रही थी, वहीं उनके मांस और अंडों के माध्यम से मनुष्य के शरीर में यह दवाएं पहुंच रही थीं। इससे इंसानी प्रतिरक्षा प्रणाली पर भी गंभीर असर हो रहा था। इसलिए सास – बहू की जोड़ी ने इस न्यूट्रीबेरी पोल्ट्री फीड के माध्यम से इसका समाधान निकाला है... यह पूरी तरह फाइटोजेनिक है यानी प्राकृतिक जड़ी-बूटियों, मसालों, तेलों और पौधों के अर्क से बना। इसका नियमित उपयोग मुर्गियों की रोग प्रतिरोधक क्षमता तो बढ़ाता ही है, साथ ही मांस और अंडे को एंटीबायोटिक रेजिड्यू से मुक्त करता है। इस अभिनव फीड को दिसंबर 2022 में भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (IVRI) के इन्क्यूबेशन सेंटर से तकनीकी सहयोग और 5 लाख रुपये का प्रोत्साहन मिला। कल्पना सक्सेना और आकांक्षा भटनागर ने पारंपरिक घरेलू भूमिकाओं से बाहर निकलकर विज्ञान, शोध और बाजार की दुनिया में कदम रखा। फील्ड ट्रायल्स के दौरान किसानों से मिली सकारात्मक प्रतिक्रिया और उत्पाद की मांग ने यह सिद्ध कर दिया कि न्यूट्रीबेरी फीड केवल एक विकल्प नहीं, बल्कि भविष्य की जरुरत है। यह स्टार्टअप पशुपालन में एंटीबायोटिक के विकल्प की ओर बढ़ता हुआ वह कदम है, जो भारत को स्वास्थ्य, पोषण और नवाचार के रास्ते आत्मनिर्भरता की ओर ले जा रहा है।