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‘विकसित भारत अभियान’ को समर्पित इंस्पायरिंग भारत इन्फ्लुएंसर मीट 2025

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गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश

गाजियाबाद के आई.टी.एस. कॉलेज, मोहन नगर में ‘इंस्पायरिंग भारत इन्फ्लुएंसर मीट 2025’ का आयोजन 7 सितंबर को किया गया। विश्व संवाद केंद्र, मेरठ और प्रेरणा शोध संस्थान न्यास, नोएडा द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष हेतु लिए गए ‘पंच संकल्प’ - स्व, कुटुम्ब प्रबोधन, सामाजिक समरसता, नागरिक कर्तव्य और पर्यावरण संरक्षण - की विचारधारा को समाज के हर वर्ग तक पहुँचाना था। इस कार्यक्रम में प्रभावशाली व्यक्तित्व, विचारक, सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स और रचनात्मक क्रिएटर्स ने ‘राष्ट्र प्रथम’ के विचार पर मंथन किया, जिसमें एक सशक्त, आत्मनिर्भर और डिजिटल भारत के निर्माण पर जोर दिया गया।

चर्चा का आधार : यह इन्फ्लुएंसर्स मीट राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के हरनंदी महानगर के सह प्रचार प्रमुख हरिशचंद्र द्वारा गाए गए गीत और अतिथियों द्वारा दीप प्रज्जवलन से शुरू हुई। छात्रा प्राची एवं प्रगति ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। इसके बाद, गाजियाबाद के सह प्रचार प्रमुख आशीष राय ने कार्यक्रम की प्रस्तावना प्रस्तुत की। पूरे आयोजन में दो मुख्य पैनल चर्चाएँ हुईं। दोनों ही सत्रों का केंद्र बिंदु ‘पंच संकल्प’ की विचारधारा ही थी, चाहे वह सामग्री निर्माण हो या विमर्श निर्माण।


वक्ताओं के विचार :

* पंचजन्य की कंसल्टिंग एडिटर, तृप्ति श्रीवास्तव ने ‘स्व’ पर जोर देते हुए कहा कि आज के समय में इन्फ्लुएंसर का काम सिर्फ नौकरी या जुनून नहीं, बल्कि समाज के प्रति एक बड़ी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि कंटेंट बनाते समय यह आत्मचिंतन करना जरूरी है कि उसका उद्देश्य और भाव क्या है। उन्होंने यह भी कहा कि स्व का मतलब सिर्फ आर्थिक विकास नहीं, बल्कि अपने देश और संस्कृति के लिए गौरव महसूस करना है।

* लेखक और रक्षा विशेषज्ञ, कर्नल दानवीर सिंह ने ‘कुटुम्ब प्रबोधन’ पर चर्चा करते हुए कहा कि पारिवारिक मूल्यों और सामाजिक दायित्वों को बहुत ही रचनात्मक तरीके से नई पीढ़ी के साथ साझा किया जाना चाहिए।

* माडरेटर और लेखक, शिवेश प्रताप ने कहा कि हर एक देश, संस्कृति और समाज का एक दाय है। भारत विश्व को आध्यात्म दे सकता है और एक विकसित भारत ही विश्व के कल्याण का आधार बनेगा।

* वरिष्ठ पत्रकार और माडरेटर, प्रमिला दीक्षित ने ‘विकसित भारत अभियान में इन्फ्लुएंसर्स की भूमिका’ पर चर्चा का संचालन किया।

* वरिष्ठ पत्रकार और मीडिया इन्फ्लुएंसर, हरिश्चन्द्र वर्णवाल ने इन्फ्लुएंसर्स को कार्य करने के तरीके बताते हुए कहा कि अगर आपके विचार मौलिक, अन्य लोगों से अलग और नवीन हैं, तो सफलता मिलेगी। कंटेंट में मौलिकता, प्रतिबद्धता के साथ निरंतरता होनी चाहिए।

* ऑपइंडिया के सीओओ, चंदन कुमार ने कहा कि ‘स्व’ की परिभाषा बदलनी होगी। कंटेंट में मौलिकता, कहानी और संदर्भ होना चाहिए।

मुख्य वक्ता का उद्बोधन और सम्मान :

अखिल भारतीय प्रचार टोली के सदस्य और सुरुचि प्रकाशन के अध्यक्ष राजीव तुली ने अपने उद्बोधन में ‘सामाजिक समरसता’ के लिए संघ द्वारा किए गए वर्षों के प्रयोगों पर प्रकाश डाला। उन्होंने ‘स्व’ की व्याख्या करते हुए कहा कि इसमें स्वदेशी, भाषा, भूषा, भाषण, भोजन और भजन समाहित हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि संघ को समझने और प्रश्नों के उत्तर के लिए संघ की शाखाओं में आना होगा। उनके उद्बोधन के बाद, मॉडरेटर, पैनलिस्ट और मुख्य वक्ता का सम्मान के पश्चात  , कार्यक्रम का समापन छात्र आदित्य साथ सामूहिक ‘वंदे मातरम्’ के गायन के साथ हुआ। कार्यक्रम के बाद सभी प्रतिभागी भोजन के लिए प्रस्थान कर गए।



उपस्थित गण : इस अवसर पर प्रेरणा मीडिया शोध संस्थान के सचिव डॉ. अनिल, विश्व संवाद केंद्र, मेरठ के मंत्री डॉ. प्रशांत के अतिरिक्त आयोजक मंडल में गाजियाबाद विभाग प्रचार प्रमुख अखिलेश, गाजियाबाद महानगर सह-प्रचार प्रमुख राजेन्द्र, वैशाली महानगर करुण कपिल, सह-प्रचार प्रमुख तुषार और हरनंदी महानगर प्रचार प्रमुख सुरेन्द्र आदि उपस्थित रहे।