बदायूं, उत्तर प्रदेश
आज की यह वीडियो उस कट्टर मानसिकता की तस्वीर है, जो आज भी भारत में अपने खूनी पंजे फैलाने का प्रयास कर रही है, जहां मतान्तरण कोई 'आस्था का विषय' नहीं अपितु षड्यंत्र, दबाव और धमकी का हथियार बन चुका है। बदायूं की घटना भारत के उस चेहरे को झकझोर देती है, जहां कट्टरपंथ अपने सबसे घिनौने रूप में सामने आ रहा है । अतीक-अशरफ जैसे आतंकियों की छाया में, दरगाह के चोले में छिपे मजहब के सौदागर अब महिलाओं और मासूम बच्चियों को भी नहीं बख्श रहे। उत्तर प्रदेश के बदायूं की एक हिंदू महिला ने जो आरोप लगाए हैं, वो किसी सामान्य अपराध से कहीं अधिक खतरनाक हैं। पीड़िता ने बताया कि एक प्रसिद्ध दरगाह का पीर जो खुद को अतीक-अशरफ गैंग से जुड़ा बताता है लगातार उस पर और उसकी पांच वर्षीय बेटी पर इस्लाम कबूल करवाने के लिए दबाव बना रहा है।
धमकियां इतनी खौफनाक हैं कि महिला के फोन पर अतीक-अशरफ के ‘कथित’ लैटर भेजकर कहा गया – “अगर मुसलमान नहीं बनी, तो जिंदा नहीं छोड़ा जाएगा।” यही नहीं, उस महिला का पति, सास-ससुर पहले ही इस पीर के प्रभाव में आकर इस्लाम में मतान्तरण कर चुके हैं। और अब महिला और उसकी मासूम बच्ची को डराकर, धमकाकर इस्लाम में घसीटने की कोशिश की जा रही है। इस महिला के लिए जीवन एक नरक बन चुका है। उसका पति डेढ़ साल से उससे मिलने नहीं आया और जब वह पीर के घर अपने पति की खोज में पहुँची, तो उसे जान से मारने की धमकी मिली। इस पूरे मामले ने उस कट्टर मजहबी सोच का पर्दाफाश किया है जो हिंदू समाज को तोड़ने और कमजोर करने पर आमादा है। पीड़ित महिला ने एसएसपी से लेकर देश के राष्ट्रपति तक से मदद की गुहार लगाई है ।