गोंडा, उत्तर प्रदेश
200 की लागत और 35 हजार का मुनाफा, जानें क्या उगाकर ये किसान बन गया मालामाल
गोंडा के विकासखंड इटियाथोक के किसान अशोक कुमार मौर्य ने यह साबित कर दिया है कि मेहनत और सही सोच से खेती ही 'सोने की खान' बन सकती है। मात्र 3 बिस्वा जमीन पर 200 रुपए की लागत से उन्होंने करेमुआ साग की खेती शुरू की और अब 30 से 35 हजार रुपए तक का मुनाफा कमा रहे हैं। यह सफलता न केवल उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत कर रही है अपितु क्षेत्र के अन्य किसानों के लिए प्रेरणा भी बन गई है। करेमुआ साग की खासियत यह है कि यह साधारण जमीन और कम पानी में भी अच्छी उपज देता है। इसमें खाद और कीटनाशक का उपयोग बहुत कम होता है, जिससे यह पूरी तरह प्राकृतिक खेती के दायरे में आती है। यही वजह है कि यह खेती न केवल स्वास्थ्यवर्धक है अपितु पर्यावरण के अनुकूल भी है। विटामिन और आयरन से भरपूर यह साग लोगों की थाली में पोषण जोड़ रहा है और किसानों की झोली में मुनाफा। स्थानीय बाजार से लेकर आस-पास के जिलों तक करेमुआ साग की मांग लगातार बनी रहती है। अशोक कुमार मौर्य बताते हैं कि उन्हें इसका विचार एक संस्थान से मिला था और आज यह खेती उनके लिए आत्मनिर्भरता का सशक्त साधन बन चुकी है। खेती का यह मॉडल दर्शाता है कि यदि किसान सही फसल और तकनीक चुन लें तो सीमित संसाधनों में भी बड़ा लाभ संभव है। यह उदाहरण दिखाता है कि आत्मनिर्भर भारत का सपना खेत-खलिहानों से ही साकार होगा जहां किसान अपनी मेहनत और नवाचार से न केवल स्वयं समृद्ध होंगे अपितु समाज और देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करेंगे।