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पहाड़ के आपदा प्रभावित गांवों में निस्वार्थ सेवा कार्य में जुटे स्वयंसेवक

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 रुद्रप्रयाग, उत्तराखण्ड 

उत्तराखण्ड के अलग-अलग हिस्सों में आई आपदा से जब चारों ओर हाहाकार मचा, तब सबसे पहले राहत और सेवा लेकर यदि कोई पहुंचा तो वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक हैं। न थकान की परवाह, न जोखिम की चिंता गणवेशधारी स्वयंसेवक गाँव-गाँव पैदल पहुँचकर भोजन, दवाइयाँ और जरूरत का हर सामान प्रभावित परिवारों तक पहुँचा रहे हैं। पथरीले, टेढ़े-मेढ़े और फिसलन भरे रास्तों से होकर स्वयंसेवक निरस्वार्थ सेवा में जुटे हैं। 



प्रशासन के साथ तालमेल बनाकर और समाज से सहयोग लेकर संघ ने यह साबित कर दिया है कि सच्ची सेवा वही है, जो संकट की घड़ी में बिना स्वार्थ निभाई जाए। पहाड़ों के कठिन रास्तों पर भी कंधों पर राहत सामग्री उठाए चलते ये स्वयंसेवक आज मानवता की सबसे बड़ी मिसाल बन गए हैं। आपदाग्रस्त प्रभावित क्षेत्रों में जाकर स्वयंसेवक राहत समग्री के साथ-साथ लोगों का विश्वास बढ़ाने का कार्य भी कर रहे हैं  और स्थानीय लोगों से बातकर उनकी समस्याएं भी सुन रहे हैं।  रुद्रप्रयाग के अलावा चमोली के थराली, उत्तरकाशी के धराली के साथ ही कई ऐसे स्थान हैं जहां राहत सामग्री के वाहन नहीं पहुंच पा रहे है उन ऊँचे स्थानों पर भी संघ टोलियाँ पैदल कई किमी चल कर राहत सामग्री पहुंचा रहे हैं।