पिथौरागढ़, उत्तराखण्ड
सशस्त्र सीमा बल (SSB) देश की सीमाओं की सुरक्षा के साथ-साथ सीमावर्ती क्षेत्रों के सामाजिक और आर्थिक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। SSB का उद्देश्य है कि सीमावर्ती गांवों में रहने वाले लोग न केवल सुरक्षित महसूस करें, बल्कि उन्हें रोजगार और आत्मनिर्भरता के बेहतर अवसर भी मिलें। इसी उद्देश्य के तहत SSB द्वारा समय-समय पर ग्रामीणों के लिए विभिन्न विकासात्मक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इसी क्रम में SSB की 55वीं वाहिनी द्वारा वाइब्रेंट गांव जमतड़ी में महिलाओं के लिए दस दिवसीय सिलाई प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को सिलाई जैसे उपयोगी कार्यों से जोड़कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना था।
प्रशिक्षण के दौरान महिलाओं को सिलाई के बुनियादी कार्यों के साथ-साथ आधुनिक परिधानों को तैयार करने की भी जानकारी दी गई। उन्हें यह भी बताया गया कि किस तरह वे घर बैठे स्वरोजगार शुरू कर सकती हैं और अपनी आय बढ़ाकर आर्थिक रूप से मजबूत बन सकती हैं। इस पहल से क्षेत्र की महिलाओं में आत्मविश्वास बढ़ा है और वे अपने भविष्य में बेहतर जीवन की दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित हो रही हैं। SSB का यह प्रयास सीमावर्ती क्षेत्रों में महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक सराहनीय कदम माना जा रहा है।



