- छह साल तक बनाता रहा शारीरिक संबंध, छह साल बाद कहा काफिर अब तुम्हारा कोई काम नहीं
- अश्लील वीडियो बनाकर जबरन किया निकाह, करता रहा ब्लैकमेल
उत्तराखंड। मुस्लिम जेहादियों का आतंक दिन प्रति दिन बढ़ता जा रहा है। हिंदुओं बेटियों को अपने प्रेमजाल में फंसाना फिर उनके साथ अवैध संबंध बनाना यह कोई नई बात नहीं है। ऐसा ही एक मामला उत्तराखंड से आया है। जहां जाबिर अली नाम के मुस्लिम जेहादी ने हिंदू महिला से दोस्ती कर ली और खुद का नाम उसने सूरज बताया। हिंदू नाम के धोखे में महिला उसके साथ रहने लगी। इस दौरान मुस्लिम युवक ने उसके साथ कई बार शारीरिक संबंध बनाए, साथ ही उसका अश्लील वीडियो बना लिया। और वीडियो को हवाला देकर जबरन उसके साथ शादी कर ली। महिला के पैसे से जाबिर ने खूब मौज मस्ती की जब पैसे खत्म हो गए तो छह साल बाद हिंदू महिला को छोड़ दिया।
यह मामला उत्तराखंड के उधमसिंह नगर के किच्छा का है। यहाँ रहने वाली एक महिला ने इस संबंध में पुलिस से शिकायत की है। अपनी शिकायत में महिला ने कहा कि उसके पति जाबिर ने उससे अपनी पहचान छिपाई और अपना नाम सूरज बताया। सूरज बनकर उसने उससे जान-पहचान बढ़ाई। कुछ समय के बाद सूरज बना जाबिर ने उससे प्रेम करने का नाटक किया और शादी के नाम पर शारीरिक संबंध बना लिए।
पुलिस को दी गई अपनी शिकायत में कठर्रा के गौघाट की रहने वाली अनुसूचित जाति से ताल्लुक रखने वाली 33 साल की पीड़िता ने कहा, “उसने (जाबिर ने) मुझसे प्यार का नाटक किया और एक अश्लील वीडियो भी बना लिया। इसका इस्तेमाल वह ब्लैकमेल कर जबरन निकाह करने के लिए करता था।” बदनामी की आशंका से महिला डर गई। हालाँकि, जाबिर अली अपनी साजिश में लगा रहा।
एक दिन जाबिर अली पीड़िता को जहानाबाद रहने वाली अपनी बड़ी बहन के घर ले गया और वहाँ उससे निकाह करने के लिए पीड़िता को मजबूर करने लगा। पीड़िता ने कहा, “जब मैंने इनकार कर दिया तो जाबिर और उसके भाइयों- अब्बास अली, रियासत, जाकिर और शाकिर ने वीडियो वायरल करने और मुझे जान से मारने की धमकी देने लगे।” आखिरकार पीड़िता निकाह के लिए मजबूर हो गई।
पीड़िता ने बताया कि निकाह के लिए मजबूर करने से पहले वह जाबिर अली को हिंदू समझती थी। हालाँकि, असलियत का पता चलते के बाद काफी देर हो चुकी थी। जाबिर महिला के साथ मारपीट करता था और उस पर धर्म परिवर्तन का दबाव डालता था। जब पीड़िता इसके लिए तैयार नहीं हुई तो जाबिर और उसके घर वाले उसे जान से मारने की धमकी देने लगे।
पीड़िता ने अपनी शिकायत में कहा है कि निकाह के समय उसके गले में दो तोला सोने की चेन, एक-एक तोला के दो कान के झुमके, लैपटॉप सहित कई सामान थे। इसके साथ ही उसके पास एक लाख रुपए भी थे। पीड़िता का कहना है कि निकाह के कुछ समय के बाद उसकी संपत्ति खत्म हो गई तो उस पर दहेज लाने का दबाव डाला जाने लगा। आखिरकार पीड़िता को उसके 6 साल के बच्चे के साथ घर से निकाल दिया गया।
महिला की शिकायत के आधार पर पुलिस ने जाबिर अली के खिलाफ और उसके भाइयों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। आरोपितों के खिलाफ दहेज निवारण अधिनियम 1961 की धारा 3 और 4 के साथ-साथ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 323 (स्वेच्छा से चोट पहुँचाना), 498A (पति या रिश्तेदारों द्वारा क्रूरता) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
पीड़िता ने ऑर्गनाइजर को बताया कि जाबिर एक फकीर है और वह ‘झाड़-फूँक’ का काम करता है। महिला का कहना है, “सूरज बनकर उसने मुझे सम्मोहित कर लिया। उसने जादू-टोना किया और इस हद तक मेरे साथ छेड़छाड़ की कि मैं ठीक से सोच भी नहीं पाती थी। उसने जो कुछ भी कहा या किया, वह मुझे उस समय सही लगा था।”
पीड़िता ने बताया कि जब वह गर्भवती हो गई तो जाबिर ने उसे जबरन निकाह के लिए मजबूर किया। पीड़िता ने कहा, “मैंने कभी अपना नाम या धर्म नहीं बदला और नवरात्रि के दौरान उपवास, दुर्गा सप्तशती का पाठ और कन्या भोज का आयोजन जैसी हिंदू प्रथाओं का पालन करना जारी रखा। निकाह के बाद जाबिर ने मेरी सभी मूर्तियाँ और धार्मिक पुस्तकें फेंक दीं।”
पीड़िता ने बताया कि उसके बेटे के जन्म के बाद ही उसे पता चला कि जाबिर पहले से ही शादीशुदा था और उसके बच्चे भी थे। पीड़िता का आरोप है कि जाबिर ने यह सब कुछ उसके गहने और पैसे हड़पने के लिए किया था। पीड़िता ने यह भी कहा कि इस दौरान जाबिर और उसके घरवाले उसे काफिर कहकर बुलाते थे और उसकी जाति को लेकर उसे गाली देते थे।
पीड़िता के अनुसार, “जाबिर ने मुझे घर से निकालते हुए कहा कि मैंने अपना काम कर लिया। अब मेरे लिए तुम्हारा कोई यूज नहीं है।” पीड़िता ने यह भी कहा कि उसके बच्चे का जन्म होने के तुरंत बाद जाबिर ने उसका खतना करवा दिया और उसे नमाज आदि पढ़ाने की बात करते हुए उसे मुस्लिम रीति-रिवाज से पालने लगा। हालाँकि, महिला ने इसका विरोध किया तो उसे घर से निकाल दिया।