प्रयागराज,यूपी
नए भारत की शक्ति नारी हर क्षेत्र में रोज नए कीर्तिमान रच रही हैं, बेटियां अब सशक्तिकरण का दूसरा नाम बन चुकी हैं। वहीं भारत की बेटियों के पंखे को कुतरने में कुछ गिरोह सक्रिय हैं। यह बेहद चिंताजनक है कि हमारे समाज में कुछ कट्टरपंथी एजेंडे पर चलने वाले गिरोह सक्रिय हैं, जो खासतौर पर हिंदू समाज की गरीब, दलित और मासूम लड़कियों को निशाना बना रहे हैं। ये लोग उन्हें पहले झूठे सपनों, नौकरी और अच्छे जीवन का लालच देते हैं, फिर उनका मानसिक और धार्मिक शोषण करते हैं। ये घटनाएँ केवल किसी एक परिवार की त्रासदी नहीं हैं, बल्कि देश की सुरक्षा और बेटियों की आज़ादी पर सीधा हमला हैं। ऐसा ही कुछ हुआ है प्रयागराज के फूलपुर में जहां एक दलित घर की बेटी मुस्कान (बदला हुआ नाम) भी ऐसे ही एक संगठित और खतरनाक षड्यंत्र का शिकार बनी।बता दें मुस्कान के साथ कुछ हफ्तों में उसकी पहचान, सोच, धर्म और दिशा — सब कुछ बदलने की कोशिश की गई। उसे केरल ले जाकर धर्म परिवर्तन, ब्रेनवॉश, और देशविरोधी सोच से भरने की साजिश की गई। यह कहानी केवल मुस्कान की नहीं, बल्कि उन सैकड़ों लड़कियों की चीख है जो अब तक चुप हैं।
बताते चलें की प्रयागराज के फूलपुर में मुस्कान जिसे नौकरी और पैसे का लालच देकर 3 हजार किलोमीटर दूर केरल ले जाया गया था, 49 दिन बाद जब लौटी, तो उसकी कहानी सुन सब दंग रह गए। उस लड़की से ATS ने करीब 5 घंटे पूछताछ की। उसी के साथ केरल ले जाने वाली लड़की दिलकशा और लड़के कैफ से भी सवाल-जवाब हुए। एजेंसियाँ यह पता लगाने में जुटी हैं कि उसे किस संगठन ने ट्रेनिंग दी, कहां-कहां रखा गया और किस काम के लिए तैयार किया जा रहा था।
पूछताछ में मुस्कान ने बताया कि वह अकेली नहीं थी। वहाँ और भी लड़कियाँ और बच्चे थे, जिन्हें उर्दू और फारसी सिखाई जाती थी। उन्हें हिंदुस्तान के खिलाफ भड़काया जाता था और कहा जाता था कि मुस्लिमों पर जुल्म हो रहा है, इसलिए तुम्हें बदला लेना होगा। उनसे कहा जाता था कि मुस्लिमों जैसा रहना सीखो, नमाज पढ़ो, और देश के नक्शे को समझो। यहीं से उसे एहसास हुआ कि कुछ गलत हो रहा है और वह वहां से भाग निकली। बताते चलें की मुस्कान के पिता की मौत 10 साल पहले ही बीमारी से हो गई थी। मां मनरेगा मजदूर हैं। उनकी बड़ी बेटी की शादी हो चुकी है, मुस्कान और उसकी छोटी बहन अपने कच्चे मकान में रहती हैं। गांव वालों ने बताया कि जब से मुस्कान लौटी है, पुलिस लगातार उससे पूछताछ कर रही है। लड़की के चाचा ने बताया कि यह सब उसकी बचपन की दोस्त दिलकशा की वजह से हुआ। दोनों ने क्लास 3 से 8वीं तक साथ पढ़ाई की थी। दिलकशा अकसर मुस्कान को महंगे होटल और रेस्टोरेंट में ले जाती थी और उसके दिमाग पर पूरा असर डाल चुकी थी। लापता होने से करीब एक महीने पहले, चाचा ने मुस्कान को प्रयागराज के एक महंगे होटल से निकलते हुए देखा था। घर आने पर डांटने पर उसने उल्टा जवाब दिया और दिलकशा का पक्ष लिया। इसके बाद से घरवालों ने उसे बाहर जाना बंद कर दिया। लेकिन 8 मई को गांव के कोटेदार के घर शादी थी, जहाँ सब गए थे, मुस्कान भी गई थी, मगर वह वहाँ पहुँची ही नहीं। 49 दिन बाद जब उसकी जानकारी मिली कि वह केरल में मिली है, तो पूरा परिवार राहत की सांस ले पाया। मुस्कान ने बताया कि 8 मई को वह कोटेदार के घर नहीं गई थी, बल्कि दिलकशा के साथ सीधे प्रयागराज चली गई थी, जहाँ उनका दोस्त कैफ भी पहले से मौजूद था। तीनों होटल गए, खाना खाया और फिर दिलकशा ने मुस्कान से कहा कि “कैफ को किस करो, ये तुम्हारा पहला एग्जाम है, पास करोगी तभी केरल की जॉब मिलेगी।” पहले मुस्कान ने मना किया लेकिन फिर दिलकशा ने खुद ऐसा किया और मुस्कान को मजबूर किया। इसके बाद तीनों प्रयागराज रेलवे स्टेशन पहुंचे और दिल्ली की ट्रेन पकड़ी। दिल्ली पहुँचकर एक शख्स ताजउद्दीन ने उन्हें रिसीव किया और एक मुस्लिम इलाके के घर में रखा। अगली सुबह दोनों लड़कियों को केरल भेज दिया गया। उन्हें टिकट नहीं दी गई, बस एक पर्ची दी गई जिसमें एक मोबाइल नंबर लिखा था। दो दिन का सफर टॉयलेट के पास बैठकर किया। ट्रेन में खाना खरीदकर खाया और 12 मई को वे केरल के त्रिशूर जिले पहुंचे। वहां एक पेड़ों से घिरी जगह पर बने हॉस्टल जैसे मकान में उन्हें रखा गया, जहाँ पहले से और भी बच्चे मौजूद थे। यहाँ उन्हें मुस्लिम रीति-रिवाज सिखाए गए, रोज मौलाना आकर कुरान और इस्लामी बातें सिखाते थे। उर्दू पढ़ाई जाती थी, देश के नक्शे देखना सिखाया जाता था और लंबे समय तक भूखा रहना व सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दी जाती थी। केरल पहुँचने के 10वें दिन कुछ लोग मुस्कान से मिले और कहा कि “तुम्हें अल्लाह के लिए बड़ा काम करना है।” मगर कोई ये नहीं बताता था कि वो काम क्या है। मुस्कान को अब लगने लगा था कि कुछ गलत हो रहा है और उसका ब्रेनवॉश किया जा रहा है। उसी दौरान उसका धर्म परिवर्तन भी करवा दिया गया। 14 मई को उसे गलती से एक खाली कमरे में मोबाइल मिल गया। उसने तुरंत अपनी मां को कॉल की और लोकेशन बताई, लेकिन साथ में ये भी कहा कि दोबारा फोन मत करना, नहीं तो ये लोग मुझे मार डालेंगे। अगले ही दिन, 15 मई को उसकी मां फूलपुर थाने गईं, लेकिन वहां कोई मदद नहीं मिली। फिर SSP से मिलने के बाद जांच शुरू हुई।
इस बीच 26 जून को मुस्कान वहां से भाग निकली। स्टेशन तक पहुँची तो दिलकशा उसका पीछा करती हुई वहीं पहुँच गई। दोनों में झगड़ा हो रहा था, तभी पुलिस की नजर पड़ी और उन्हें पकड़ लिया गया। क्योंकि उनके पास कोई दस्तावेज नहीं थे और टिकट भी नहीं था, उन्हें थाने ले जाया गया और फिर बाल कल्याण समिति (CWC) के सामने पेश किया गया। मुस्कान ने अपनी पूरी कहानी बताई। इसके बाद प्रयागराज पुलिस को सूचना दी गई। दो पुलिस वाले केरल गए और दोनों लड़कियों को साथ लेकर वापस लाए। मुस्कान 28 जून की रात अपने घर लौटी। वहीं दूसरी ओर, प्रयागराज पुलिस ने कैफ को फूलपुर से गिरफ्तार कर लिया। हालांकि दोनों लड़कियाँ नाबालिग थीं, इसलिए CWC की देखरेख में उनसे पूछताछ की जा रही है। वहीं ATS और अन्य एजेंसियां अब आगे की जांच पड़ताल में जुट चुकी है।