नागपुर। राष्ट्र सेविका समिति की प्रमुख संचालिका शांताक्का जी ने कहा कि “सम्पूर्ण विश्व के हित की चिंता करते हुए सभी के सुख की कामना करना यही मूलभूत हिन्दू विचार है। भारत का श्रेष्ठ इतिहास और परम्परा इसी बात की द्योतक है”। सेविका समिति की अखिल भारतीय कार्यकारिणी एवं प्रतिनिधि मंडल की अर्धवार्षिक बैठक के समारोप सत्र में उन्होंने कहा कि इसी चिंतन के आधार पर हमें स्व-बोध के प्रकाश में अपने जीवन को गढ़ना है।
अगले वर्ष 2026 में राष्ट्र सेविका समिति की स्थापना के 90 वर्ष पूर्ण होने जा रहे हैं। इस उपलक्ष्य में प्रतिनिधि सभा में कार्यवृद्धि की योजना बनायी गयी, साथ ही यह निश्चित किया गया कि इस वर्ष राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में आयोजित सभी कार्यक्रमों में राष्ट्र सेविका समिति की सेविकाएं पूर्ण उत्साह के साथ सम्मिलित होंगी। समिति के विभिन्न कार्य विभागों द्वारा संघ शताब्दी के अवसर पर आगामी एक वर्ष तक विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
प्रतिनिधि सभा में “युवा वर्ग में बढ़ती नशे की लत – एक गंभीर संकट” विषय पर प्रस्ताव पारित किया गया। प्रतिनिधि सभा ने आह्वान किया कि सरकार एवं शैक्षणिक तथा सामाजिक संस्थाएं अपनी योजनाओं में व्यसनमुक्ति कार्यक्रम को अनिवार्य रूप से सम्मिलित करें। साथ ही “ऑपरेशन सिंदूर” को सफलतापूर्वक संचालित करने पर भारतीय सेना और सरकार को अभिनन्दन पत्र दिया गया। प्रतिनिधि सभा के दूसरे दिन “स्वर निनाद” घोष पर आधारित पुस्तिका का विमोचन प्रमुख संचालिका शांताक्का जी के कर कमलों से किया गया। ‘भारतीय लोकतंत्र के इतिहास का काला अध्याय – आपातकाल’ विषय पर सेविकाओं के अनुभवों पर आधारित “आपातकाल की स्मरण कणिका” नामक ई-पत्रिका का लोकार्पण भी किया गया।
अखिल भारतीय कार्यकारिणी और राष्ट्र सेविका समिति के प्रतिनिधियों की यह बैठक 17 से 20 जुलाई 2025 के बीच रेशीम बाग, स्मृति मंदिर, नागपुर में आयोजित हुई। बैठक में 38 प्रांतों से 411 प्रतिनिधि उपस्थित रहीं