गोरखपुर, उत्तर प्रदेश
गोरखपुर मंडल की ग्रामीण महिलाओं ने आत्मनिर्भरता की एक नई मिसाल कायम की है। यहाँ राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गठित श्री बाबा गोरखनाथ कृपा मिल्क प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन (MPO) से जुड़कर 500 गांवों की 25,000 महिलाएं अब दूध उत्पादन के माध्यम से नियमित आय अर्जित कर रही हैं। इस पहल की खास बात यह है कि महिलाओं को कंपनी की शेयरहोल्डर बनाया गया है, जिससे न केवल उनकी आमदनी बढ़ी है, अपितु निर्णयों में भागीदारी भी सुनिश्चित हुई है। केवल डेढ़ वर्ष के भीतर इस संगठन ने 50 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार खड़ा किया है और 1445 महिलाएं “लखपति दीदी” के रूप में उभरी हैं। यह संगठन प्रति दिन करीब 62,000 लीटर दूध का संकलन कर रहा है। अब तक इन महिलाओं ने 1.66 करोड़ रुपये की इक्विटी पूंजी भी स्वयं जोड़ी है। उनकी मासिक औसत आमदनी 7 से 8 हजार रुपये तक पहुँच चुकी है।
एमपीओ उन्हें पशु आहार, चिकित्सा, थनैला रोग की जांच, कृत्रिम गर्भाधान और तकनीकी प्रशिक्षण जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध करवा रहा है। एक प्रेरणादायक उदाहरण बरही गांव की कौशल्या देवी का है, जिन्होंने शुरुआत तीन गायों से की थी। आज वे 10 गायों के जरिये प्रतिदिन 70 लीटर दूध देती हैं और अब तक 11.50 लाख रुपये की सालाना आय अर्जित कर चुकी हैं। लखनऊ में एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद इन महिलाओं के अनुभव सुने और महिला सशक्तिकरण का यह मॉडल पूरे प्रदेश में लागू करने की बात कही। यह मॉडल अब केवल डेयरी उद्योग का नहीं अपितु ग्रामीण अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने का सशक्त माध्यम बन चुका है।