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इतिहास

विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस

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विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस
आज विश्व गंभीर पर्यावरण संकट से गुजर रहा है। विकास की अंधी दौड़ में मनुष्य ने प्रकृति का अनियमित दोहन कर प्रकृति के संतुलन को बिगाड़ दिया है जिसके कारण पृथ्वी पर जीवन और पर्यावरण संकट में पड़ गया है। विश्व समुदाय को अनेक प्रकार की प्राकृतिक आपदाओं का सामना भी करना पड़ रहा है। ऐसे में विश्व को भारत से सीखने की आवश्यकता है जहाँ प्रकृति को माता कहा गया है। हजारों वर्ष प्राचीन भारतीय संस्कृति में प्रकृति के सानिध्य में प्राकृतिक नियमों के अनुकुल जीवन शैली विकसित हुई है। आज भी हमारे वनांचल में रहने वाली जनजातियाँ प्रकृति का पूजन करती हैं। प्रकृति का शोषण नहीं बल्कि प्रकृति के प्रति अनुग्रह भाव और प्रकृति का पोषण भारतीय संस्कृति का मूल तत्व है।
आइये हम सभी प्रकृति के सरंक्षण का संकल्प लेकर अपने पूर्वजों की महान परम्परा का अनुपालन करें।