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ईरान में भारत की शान बढ़ाएगा अलीगढ़ का ‘सूर्या’

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भारत में ऐसी बहुत से खाद्य पदार्थ शामिल हैं, जिनका निर्यात विदेशों में किया जा रहा हैं. इससे यहां के विशेष खाद्य पदार्थों का महत्व वहां भी बढ़ जाता है. इसी तरह वर्तमान में बासमती चावल के अतिरिक्त अलीगढ़ के आलू की भी ख्याति विदेशों में बढ़ने लगी है. पिछले वर्ष अमेरिकी देश गुयानामें यहां के आलू का निर्यात किया गया था. अब यह सूर्यानामक प्रजाति का आलू ईरान की राजधानी तेहरान में भेजा जाएगा.

मुंबई कंपनी के आदेश पर एफपीओ द्वारा 29 टन आलू उपलप्ध कराया हैं. आलू की यह खेप पानी के जहाज से तेहरान पहंचाई जाएगी. जनपद की मुख्य फसलों में आलू भी शामिल है. लगभग 33 हजार हेक्टेयर में यहां आलू का उत्पादन होता है. इसकी बिक्री के लिए किसान मंडियों पर निर्भर रहते हैं. एफपीओ कोमोलिका फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी से करीबन 1500 किसान जुड़कर आलू के अतिरिक्त अन्य फसलें भी उगाते हैं.

एफपीओ के चेयरमैन आरपी पचौरी बताते है कि आलू का निर्यात पिछले वर्ष ही शुरू हो गया था. डीजीएफटी व एपीडा का लाइसेंस भी प्राप्त हो चूका हैं. 2003 में ह्यूमन बायोलोजिक कंपनी से 29 टन कुफरी बहार आलू गुयाना में निर्यात किया गया था. इस बार एएसएसआर से 29 टन आलू का आर्डर मिला, जो अब तेहरान में भेजा जाएगा. राशी कोल्ड स्टोरेज में संरक्षित आलू निकालकर दादरी कंटेनर डिपो भेजा है. जो अब मालगाड़ी से मुंबई पोर्ट पहुंचेगा. यहां से वो तेहरान के लिए भेजा जाएगा.

वर्तमान समय में हमारे देश में ऐसी बहुत सी फसलों का उत्पादन होता हैं, जिसका निर्यात विदेशों में भी किया जा रहा है. इससे यह विशेष लाभ हुआ है कि अब विदेशों में भी भारत के खाद्य पदार्थों की ख्याति भी बढ़ने लगी है