अलीगढ़, उत्तर प्रदेश
15 अगस्त को जब पूरा देश आजादी का पर्व मना रहा था, उसी समय अलीगढ़ के हरदुआगंज में एक भयावह मुस्लिम षड्यंत्र बेनकाब हुआ। इंटर कॉलेज की 12वीं की छात्रा को अपहरण कर बुर्का पहनाकर देवबंद ले जाकर मतांतरण कराने की कोशिश की गई। आरोपी युवक रिहान और उसकी चचेरी बहन तमन्ना ने मिलकर षड्यंत्र रचा था। जैसे ही छात्रा ध्वजारोहण में शामिल होने निकली, उसे बहला-फुसलाकर टेंपो में बैठाने की कोशिश की गई। लेकिन सतर्क स्थानीय लोगों ने समय रहते दोनों को पकड़ लिया और पुलिस के हवाले कर दिया। छात्रा ने बताया कि रिहान कॉलेज से ही उसका पीछा कर रहा था, धमकियां देता था। रिहान और तमन्ना की योजना थी की वे किशोरी को बेहोश कर बुर्का पहनाकर पहचान छिपाते हुए देवबंद ले जाए, जहाँ मजहबी ठिकाने मतांतरण के अड्डों के रूप में कुख्यात हैं। यह स्पष्ट करता है कि यह कोई अकेली वारदात नहीं अपितु लव जिहाद और मजहबी षड्यंत्र की गहरी साजिश है। पुलिस ने किशोरी के पिता की शिकायत पर मामला दर्ज कर रिहान को जेल भेज दिया है, जबकि तमन्ना की संलिप्तता की जांच जारी है। लेकिन प्रश्न यही है कि कब तक हिंदू समाज की बेटियों को इस तरह निशाना बनाकर मतांतरण के जाल में फंसाने की कोशिश होती रहेगी?